भारत में शिक्षा नीति भिक्षा नीति के बारबर है। यहां के सरकारी स्‍कूलों में टाट पट्टी मिलती है स्‍कूलों से बच्‍चे गायब होत हैं। जिसके चलते ज्‍यादातर माता पिता अपने बच्‍चों को सरकारी स्‍कूल भेजने से कतराते हैं। वह अपने बच्‍चों को कॉन्‍वेंट स्‍कूल में ही पढाना उचित समझते हैं। आज हम आप को एक ऐसे सरकारी स्‍कूल के बारे में बताने जा रहे हैं जहां कक्षा तीन का बच्‍चा भी फर्राटेदार इंग्लशि बोलता है।


कक्षा तीन का छात्र बोलता है शानदार अंग्रेजीजनाब हम बात कर रहे हैं राजस्थान के एक सरकारी स्कूल की जहां पर पढने वाले बच्चे कॉन्वेट स्कूल में पढने वाले बच्चों से कई बेहतर अंग्रेजी बोलना जानते हैं। यह एक प्रथमिक स्कूल है। जहां बच्चों को सिर्फ कक्षा पांच तक ही शिक्षा दी जाती है। यह स्कूल सीकर पिराली जिले के राजकीय प्रथमिक स्कूल समदड़ी जोहडी में स्थित है। सुबह बच्चे स्कूल आते ही लाइन से अपने जूते रखते और अपने शिक्षक के पैर छूते हैं। इस स्कूल में बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ संस्कारों की शिक्षा भी दी जाता है। जिसे बच्चे ग्रहण भी करते हैं। बच्चों के लिए उपलब्ध हैं कंप्यूटर
इस प्रथमिक स्कूल में बच्चों की पढाई के लिए 10 कंप्यूटर भी उपलब्ध हैं। इस स्कूल के कक्षा तीन का छात्र भी प्रश्नों के उत्तर फर्राटेदार अंग्रेजी बोल कर देता है। राजस्थान में इस स्कूल को रधान शारदा देवी व उनकी ननद कमला काजला के नाम से भी जाना जाता है। रधान शारदा देवी व उनकी ननद कमला काजला स्कूल में रोज समय पर आ जाती है। नोडल की मिटिंग हो या प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान डीएल मिलने पर भी स्कूल आना नहीं छोड़तीं हैं। शायद उनकी कर्तव्यनिष्ठा ही बच्चों को इतना तेज बनाती है।

Posted By: Prabha Punj Mishra