RANCHI : हजारीबाग पुलिस ने जेटेट में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से चोरी कराने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पटना में बैठे मुन्नाभाई फ्0 हजार से लेकर क्.भ् लाख लेकर लोगों को डिवाइस की मदद से परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों को प्रश्नों के उत्तर बता रहे थे। पटना के पटेल छात्रावास से यह खेल खेला जा रहा था। इचाक निवासी शशिकांत कुमार की गिरफ्तारी के बाद यह सच सामने आया है। एसपी भीमसेन टूटी ने बताया कि पुलिस ने इसके पास से आठ अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस लगे अंडरगारमेंट्स मोबाइल सहित बरामद किया है। वहीं उसके निशानदेही पर हजारीबाग में गिरोह को संचालित करने वाला होमगार्ड जवान ब्रह्मदेव मेहता के आवास से फ्8 स्टांप पेपर, ब्.0भ् लाख के चेक तथा ब्भ् हजार रुपये नगद बरामद किए हैं। ब्रह्मदेव पुलिस की पकड़ से बाहर है।

बहाल कर रखे थे एजेंट

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की मदद से गुरुजी बनने चले जेटेट की परीक्षार्थियों से हजारीबाग में प्रति छात्र दो हजार रुपये पर बहाल किए गए एजेंट लोगों से घर-घर जाकर संपर्क कर रहे थे। इन एजेटों की जद में पद्मा, इचाक व सदर प्रखंड के लोग थे, जिनसे इचाक के शशिकांत, ब्रह्मदेव व सतीश सहित क्ख् लोगों की टीम काम कर रही थी। गिरफ्तार शशिकांत ने इसकी जानकारी दी। उसने बताया कि वे परीक्षार्थियों का मूल प्रमाण पत्र व इनके द्वारा साइन किया गया स्टांप पेपर भी रख लेते थे, ताकि परीक्षा के बाद तय सौदा की रकम वे प्राप्त कर सके।

क्फ् एग्जामिनी के मिले थे एडमिट कार्ड

एसपी ने बताया कि इनके पास से जेटेट परीक्षा में शामिल होने वाले क्फ् परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड भी बरामद हुए हैं, इसके आधार पर रांची व धनबाद में परीक्षा देते लोगों के बारे में पुलिस को जानकारी दी और परीक्षा केंद्रों में डिवाइस लगे अंडरगारमेंस्स के साथ पकड़े गए। बताया कि पूरा गिरोह पटना से संचालित होता है।

गंजी में डिवाइस, जंघिया में मोबाइल

आठ इलेक्ट्रानिक्स लगे डिवाइस अंडरगारमेंट्स ब्रांडेड कंपनी के थे। इसमें बड़ी बारीकी से सिलाई कर पतले तार व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाया गया था। वहीं जंघिया में मोबाइल भी लगाए गए थे। काले रंग के ये अंडरगारमेट्स मोटा होने के कारण आसानी से पता नहीं चल पाता था।

मोबाइल का खरोंचा आइएमईआइ नंबर

शातिरों ने सभी मोबाइलों का आईएमईआई नंबर ही खरोंच दिया था। इससे पुलिस तकनीक की मदद से उन्हें पकड़ पाती। बरामद सभी मोबाइल में सैमसंग कंपनी के है, पर इनके आईएमआई नंबर नहीं होने के कारण पुलिस शातिर तक पहुंच नहीं सकती।

मोबाइल घड़ी का हो रहा था इस्तेमाल

अंडरगारमेंट्स में मोबाइल के स्थान पर किसी किसी में मोंबाइल घड़ी का भी उपयोग किया है। इसमें तीन तीन सिम लगाने की क्षमता भी है। इसे तार के माध्यम से ये अंडरगारमेंट्स में इसे फिट किया गया था।

Posted By: Inextlive