वायरलेस चार्जिंग यानी बिना किसी तार के आप कभी भी अपने फोन को चार्ज कर सकते हैं। इससे न केवल एनर्जी की बचत होती है बल्कि इलेक्ट्रिक शॉक लगने का डर भी नहीं रहता। वायरलेस चार्जिंग के लिए बस आपको अपना स्मार्टफोन चार्जिंग डॉक पर रखना होता है। तो आइए आज जानते हैं आखिर कैसे काम करता है ये वॉयरलेस चार्जर....


कैसे काम करता है वायरलेस चार्जरवायरलेस चार्जर बेसिकली इंडक्टिव चार्जिंग सिस्टम पर काम करता है। इसका पूरा सिद्धांत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड पर बेस्ड है। वायरलेस चार्जर एक गोल डिस्क के आकार का होता है जिसके ऊपर स्मार्टफोन या अन्य डिवाइस रखते ही वो चार्ज होने लगता है। इस पूरी चार्जिंग प्रोसेस के दो हिस्से होते हैं। पहला हिस्सा जोकि चार्जिंग बेस कहलाता है इसका काम अल्टरनेट करेंट को जनरेट करना है। यह एक पैड या डिस्क के शेप में होता है, इसके अंदर सर्किट लगा होता है। आप जब अपने फोन को इसके ऊपर रखते हैं तो यह करेंट को फोन में लगे सर्किट पर ट्रासंफर कर देता है जिससे आपको फोन चार्ज होने लगता है। ऐसे में आपके फोन और चार्जिंग डिस्क के बीच एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड तैयार हो जाती है जो एसी को डीसी (रिसीवर) तक पहुंचाने में मदद करती है।


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अक्सर लोग यही सोचते होंगे कि बिना तार के फोन चार्ज करना ज्यादा सुविधाजनक होता होगा, लेकिन ऐसा है नहीं। जब आप फ़ोन चार्ज करने जाएं तो आपके फोन का चार्जिंग कॉइल और चार्जर के कॉइल का मिला हुआ होना जरूरी है, अगर थोड़ा सा हिल गया तो चार्जिंग रुक जाती है। इसके साथ ही इस वायरलेस चार्जिंग में लंबा प्रोसेस लगता है, यह आम चार्जर की तुलना में काफी देर में आपका फोन चार्ज कर पाता है।आप भी जान लीजिए क्यों मुड़े होते हैं डिश एंटीनाTechnology News inextlive from Technology News Desk

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari