वैसे तो शिव शंकर को भोलेनाथ इसीलिए कहा जाता है क्‍योकि वे सहज प्रसन्‍न हो जाते हैं परंतु क्‍योंकि सावन उनका प्रिय महीना है तो वे कुछ विशेष करने की अपेक्षा अपने भक्‍तों से करते हैं। ऐसे में यदि आप पूरे विधि विधान के साथ इन 10 तरीकों से शिव का अभिषेक करेंगे तो वो अवश्‍य आपसे प्रसन्‍न होंगे और आर्शिवाद प्रदान करेंगे।

सर्वप्रथम प्रात काल स्नान आदि करके शुद्ध हो जायें और फिर पूजा प्रारंभ करें। ओम नम शिवाय का जाप करते हुए हुए शुद्ध जल या गंगा जल से शिवलिंग का जल से अभिषेक करें अर्थात उन पर जल चढ़ायें।

इसके बाद लिंग पर चीनी चढ़ायें। कहते हैं कि शिव जी पर शक्कर चढ़ाने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

इसके पश्चात भगवान के केसर से टीका करें ताकि आपके व्यवहार और वाणी को सौम्यता का आशीष मिले।

तत्पश्चात भोलेनाथ पर दूध चढ़ायें। इससे आपको अच्छे स्वाथ्य और निरोग रहने का आर्शिवाद मिलता है।

मन और विचार को शुद्ध और पवित्र करने के लिए भगवान को इत्र अर्पित करें ताकि आपके चरित्र की खुश्बू हर दिशा में फैल जाये।

अब भगवान को घी से अभिषेक करें ताकि आपके भीतर शक्ति का संचार हो।

इसके पश्चात शंकर जी पर दही अर्पित किया जाता है ताकि आपको धीर गंभीर होने का आशीष मिल सके।

भगवान शंकर को शहद भी बेहद प्रिय है अत उन पर शहद जरूर चढ़ायें। इससे मीठी वाणी का आर्शिवाद प्राप्त होता है।

यदि आप समाज में प्रतिष्ठा और मान सम्मान का आर्शिवाद चाहते हैं तो पार्वतीपति शंकर को चंदन का लेप करना ना भूलें।

आखिर में शिव जी को सबसे ज्यादा प्रिय भांग अवश्य चढ़ायें ताकि वो प्रसन्न हो कर आपकी कमियां दूर करके एक श्रेष्ठ व्यक्ति बनने का आशीष प्रदान करें। 

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Posted By: Molly Seth