दंगों के बारे में सीएम से पूछिए: आज़म ख़ान
मंगलवार को दिल्ली में बीबीसी से एक ख़ास बातचीत में जब उनसे पूछा गया कि इतना बड़ा दंगा हुआ तो आख़िर चूक कहां हो गई, तो उनका जवाब था, ''इस बारे में सीएम साहब (मुख्यमंत्री अखिलेश यादव) ज़्यादा बेहतर बता पताएंगे क्योंकि वो ही एक्ज़क्यूटिव हेड(सरकार के मुखिया) हैं.''जब मैंने फिर पूछा कि क्या उस ज़िले के प्रभारी मंत्री होने के नाते आपकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं बनती, उन्होंने अपनी बात दोहराते हुए कहा, ''एक्ज़क्यूटिव हेड मैं नहीं हूं, इसलिए इस तरह की मेरी ज़िम्मेदारी नहीं बनती.'''मीडिया है ज़िम्मेदार' अखिलेश यादव के इस्तीफ़े या फिर राज्य सरकार की बर्ख़ास्तगी की मांगों के बारे में पूछे जाने पर आज़म ख़ान का कहना था, ''मांग तो कोई भी कर सकता है, आप इस हैसियत में हैं जैसा चाहें माहौल बना दें. यहां भी आप इस्तीफ़ा ले लें और इसे भी बीजेपी के हवाले कर दें.''
दंगा पीड़ितों को इंसाफ़ दिलाने के बारे में पूछे जाने पर आज़म ख़ान का कहना था, ''हुकूमत की सतह पर जितने भी क़दम उठाए जाने थे उनमें कोई कसर नहीं उठाई गई है और कोशिश यही की गई है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों पर मरहम लगे. बाक़ी अदालत से जुड़े मामले हैं उनको वहीं देखेगी, उनमें हमलोग दख़ल नहीं दे सकते हैं.''कर्फ़्यू हटा लिया गया है लेकिन लोग अभी भी डरे और सहमे हुए हैं.उन्होंने यक़ीन दिलाया कि मुज़फ़्फ़रनगर दंगों की जांच के लिए जो न्यायिक कमेटी बनाई गई है उनकी सभी सिफ़ारिशों को उनकी सरकार लागू करेगी. अखिलेश सरकार के सत्ता में आने के लगभग डेढ़ साल में उत्तर प्रदेश में सौ से भी ज़्यादा दंगे होने की वजह पूछे जाने पर आज़म ख़ान ने कहा कि ये एक तफ़सीली बहस है जिस पर कभी और बातचीत होगी.लेकिन ये पूछे जाने पर की आम तौर पर लोगों की ये धारणा है कि सांप्रदायिक दंगे राजनीतिक तौर पर समाजवादी पार्टी के लिए फ़ायदेमंद हैं, इसके जवाब में उन्होंने पहले कहा कि ये केवल आरोप हैं जो साबित नहीं हुए हैं.उन्होंने इतना ज़रूर स्वीकार किया कि एक हादसा हुआ तो है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता है.दंगों के राजनीतिक लाभ के बारे में दोबारा पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.