सरकारी स्‍कूल तो आपने देखे ही होंगे। वहां के टीचर्स को भले ही सरकार अच्‍छी खासी सैलरी दे रही हो लेकिन स्‍टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा देने के लिए सरकारें वहां के बच्‍चों के लिए कोई बड़ी सुविधा छोड़िए मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दे पाती। ऐसे ही एक सरकारी स्‍कूल की टीचर ने जब अपने स्‍टूडेंट्स को बेहतर और हाईटेक ऐजूकेशन देने के लिए अपने सारे जेवर बेच डाले तो उसे देख पूरी दुनिया कह रही है कि टीचर हो तो ऐसा।

अपने सारे जेवर बेचकर अन्नपूर्णा ने बदल दी बच्चों की जिंदगी
किसी सरकारी स्कूल के क्लासरूम में लगा स्मार्ट डिजिटल बोर्ड आपने पिछली बार कब देखा था। आप कहेंगे कि क्या मजाक कर रहे हो। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बैठने के लिए अच्छी कुर्सी मेज मिल जाए तो बड़ी बात है स्मार्ट डिजिटल टीचिंग बोर्ड तो वहां के लिए एक सपना ही है। वैसे तमिलनाडु के विल्लुपुरम में पंचायत यूनियन प्राइमरी स्कूल देखने के बाद आप ऐसा नहीं कहेंगे। यहां बच्चों के बैठने के लिए प्राइवेट स्कूलों जैसा बेहतरीन फर्नीचर तो है ही, साथ में यहां के बच्चे फर्राटेदार इंग्लिश में बात करते हुए स्मार्ट एजूकेशन लेते हैं। यह सब कुछ पॉसिबल हुआ है यहां की टीचर अन्नपूर्णा मोहन के दिल छू लेने वाले प्रयासों से। अन्नूपूर्णा ने अपने स्टूडेंट्स को बेहतरीन एजूकेशन देने के लिए अपने सारे जेवर बेच डाले और उन पैसों ने उन्होंने इस स्कूल के बच्चों को बेहतरीन फर्नीचर, किताबें, खूबसूरत क्लासरूम और स्मार्ट डिजिटल टीचिंग उपलब्ध कराई है। Source

अन्नपूर्णा को देखकर कहना पड़ेगा कि सरकारी से लेकर प्राइवेट स्कूलों में अगर ऐसे ही सच्चे, ईमानदार और डेडीकेटेड टीचर मौजूद हों तो हमारे बच्चों का भविष्य वाकई शानदार होगा।

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Posted By: Chandramohan Mishra