रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव परौंख कानपुर देहात में दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम से लोगों की बातचीत में पता चलीं उनके बारे में कई इंट्रेस्‍टिंग और प्रेरणादायी बातें।

-आंखमिचौली और टीप मार खेल में सबसे आगे रहते थे पूरे गांव में।

-बचपन में पैसे ने होने की वजह से कपड़े की गेंद से क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था।

-चौपाई की अंताक्षरी में दोस्तों को हमेशा हरा देते थे रामनाथ कोविंद।

-परौंख में लगने वाले मेले में घूमना बहुत पसंद था देश के प्रथम नागरिक को।

-कक्षा-3 में पढ़ाई के दौरान कक्षा में मिली थी सजा पूरा होमवर्क ब्लैक बोर्ड में लिखना पड़ा था।

-गांव वालों में रामनाथ कोविंद को सम्मानित करने के लिए एक-एक रुपए से इकट्ठा किए थे 81 किलो सिक्के।

-13 साल तक दो कमरे के लिए दिया 1300 रुपए किराया और सादगी से हमेशा रहे।

-दोस्त को पहले सुरक्षाकर्मियों से बुके दिलाते थे फिर उनसे कहते थे मुझको दे दो, लेकिन मुस्कुराते रहो। पैसे से कुछ नहीं होता।


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Posted By: Chandramohan Mishra