आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा सूबा है उत्‍तर प्रदेश। कहते हैं देश की राजनीति का रुख यहां बहने वाली हवा से तय होता है। inextlive.com की स्‍पेशल सीरीज में जानिए उनकी कहानी जिन्‍हें मिली इस सूबे के 'मुख्‍यमंत्री' की कुर्सी। आज हम बात करेंगे उत्‍तरप्रदेश में 16वें मुख्‍यम्रत्री कल्‍याण सिंह की जो उत्‍तर प्रदेश में भाजपा सरकार के पहले मुख्‍यमंत्री थे।


Story by : abhishek.tiwari@inext.co.in@abhishek_awaazराजनीतिक उठापटक :


भारतीय राजनीति का इतिहास रहा है, यहां वही नेता सबसे सफल होता है जो सबसे ज्यादा चर्चित व विवादों में हो। ये विवाद किसी को फर्श से अर्श पर चढ़ा देते हैं, तो कई राजनेता ऐसे हैं जो नाम कमाने के चक्कर में कहीं गुमनाम हो जाते हैं। आज हम ऐसे ही एक राजनेता की बात करेंगे जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे और भावी प्रधानमंत्री भी माने जाते थे लेकिन किस्मत ने उन्हें कहीं और पहुंचा दिया। कल्याण सिंह राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के जुझारू कार्यकर्ता थे। यहीं से उनका राजनीतिक जीवन भी शुरु हुआ। कल्याण सिंह अपना पहला विधानसभा चुनाव अतरौली से जीतकर 1967 में उत्तर प्रदेश विधानसभा पहुंचे। 1967 से 1980 तक वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। इस बीच देश में आपातकाल लगा और कल्याण सिंह 1975-76 में 21 महीने जेल में रहे। कल्याण सिंह को अलीगढ और बनारस की जेलों में रखा गया। इसके बाद 1985 में कल्याण सिंह ने फिर से यूपी विधानसभा में इंट्री मारी और 2004 तक लगातार उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य रहे। नकल पर लगा दी थी रोक

कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री काल में कानून व्यवस्था एक दम मजबूत थी। बताते हैं कि उन्होंने प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती प्रदान की थी। कल्याण सिंह ने सूबे की शिक्षा व्यवस्था को भी पटरी पर ला दिया। बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए कल्याण सिंह 'नकल अध्यादेश’ ले आए, जिसके दम पर वो गुड गवर्नेंस की बात करते थे। उस समय कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे और राजनाथ सिंह शिक्षा मंत्री। बोर्ड परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े जाने वालों को जेल भेजने के इस कानून ने कल्याण को एक ताकतवर नेता बना दिया। यूपी में किताब रख के चीटिंग करने वालों के लिए यह कानून काल सा बन गया।सिर्फ 19 दिन सीएम कुर्सी पर बैठने के लिए चुनाव लड़े थे यूपी के यह मुख्यमंत्रीव्यक्ितगत जीवन :

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ जनपद की अतरौली तहसील के मढ़ौली ग्राम के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। कल्याण सिंह के पिता का नाम तेजपाल सिंह लोधी और माता का नाम सीता देवी था। कल्याण सिंह में बचपन से ही नेतृत्व करने की क्षमता थी। कल्याण सिंह ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर अध्यापक की नौकरी की। कल्याण सिंह का विवाह रामवती देवी से हुआ। कल्याण सिंह के दो सन्तान है। एक पुत्र और एक पुत्री, पुत्र का नाम राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया है और पुत्री का नाम प्रभा वर्मा है। कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया वर्तमान में उत्तर प्रदेश की एटा लोकसभा सीट से संसद सदस्य हैं।चंदा मांगकर नीलामी में खरीदा था स्कूल, ऐसे थे यूपी के पहले सीएमसबसे लंबे समय तक राज करने वाले यूपी के यह सीएम, जो कभी वोट मांगने नहीं गए

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari