भारत हमेशा से एक ऐसा देश बनकर रहा है जहां महिलाएं हर एक क्षेत्र में या तो पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हुईं हैं या फ‍िर उनसे आगे ही रही हैं. फ‍िर चाहें वह राजनीति का क्षेत्र हो समाज सेवा का हो कला का हो या फ‍िर कोई भी. उदाहरण के तौर पर इंदिरा गांधी हमारे देश की ऐसी पहली महिला रही हैं जिन्‍होंने भारतीय राजनीति में अपने जीवन के 18 सालों का अहम योगदान दिया. श्रीमती एनी बेसेंट सरोजनी नायडू सुशीला नैय्यर भारत के उन नामों में से हैं जो भारतीय स्‍वतंत्रता संग्राम के दौरान सबसे आगे रहीं. आइये आज International women's day के मौके पर बात करते हैं भारत की 10 ऐसी ही महिलाओं के बारे में जिन्‍होंने भारत से जुड़े महान कृत्‍यों को लेकर अपना नाम जगजाहिर करवाया है.

सोनिया गांधी : (भारतीय राजनेता)
इसे सोनिया गांधी की किस्मत का खेल ही कहेंगे जो उन्हें राजनीति के क्षेत्र में खींच लाया. इसके बावजूद मनमोहन सिंह के पक्ष में प्रधानमंत्री पद का त्याग करना उनके राजनीतिक कॅरियर में उनके लिए विशेष सम्मान को न्योता दे गया. उनके इस त्यागपूर्ण कदम और बतौर राजनेता उन्हीं अकेली की मेहनत ने उन्हें असल मायने में शासक बना दिया. कुछ ऐसे ही कारणों से सोनिया गांधी का नाम देश की सबसे ज्यादा शक्तिशाली महिलाओं में से गिना जाता है. इतना ही नहीं कांग्रेस की इस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को कुछ ऐसे ही कारणों से फोर्ब्स मैग्ज़ीन ने 2004 में देश की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में तीसरे नंबर पर गिना और आज भी वह इसी क्रम में 13वीं रैंक पर कायम हैं.    
ममता बनर्जी : (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री)  
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद को धैर्य की मिसाल के रूप में कायम रखा है. इतना ही नहीं बंगाल में 'दीदी' के नाम से ममता बनर्जी की बड़ी फैन फॉलोविंग है.
चंदा कोचर :  (MD and CEO, ICICI Bank)
चंदा कोचर को देश में बिजनेस के क्षेत्र में सबसे ज्यादा ताकतवर महिला के रूप में चुना गया है. चंदा ICICI बैंक की प्रमुख हैं. इन्होंने अपना कॅरियर मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में 1984 में शुरू किया था और उसके बाद से ये अपनी रैंक में उठती चली गईं. फॉरच्यून मैग्ज़ीन ने विकास और लाभ देने वाले संतुलन व लगभग दो तिहाई तक बैंक के वैल्यूएशन को धकेलने का पूरा श्रेय चंदा कोचर को दिया.   
सुषमा स्वराज : (भारतीय महिला राजनीतिज्ञ और विदेश मंत्री)
सुषमा स्वराज एक भारतीय महिला राजनीतिज्ञ और भारत की विदेश मंत्री हैं. वे वर्ष 2009 में भारत की भारतीय जनता पार्टी की ओर से संसद में विपक्ष की नेता चुनी गयी थीं. इस नाते वे भारत की पन्द्रहवीं लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता रही हैं. सुषमा स्वराज ने बीजेपी में रहते हुए खुद को महिलाओं के लिए एक मिसाल के तौर पर कायम रखा है. इतना ही नहीं कई बार उन्होंने पार्टी की ओर से उठने वाले गलत कदम को रोका भी है और पार्टी को सही राह दिखाने की कोशिश की है.      
अरुंधति राय : (लेखिका और समाजसेवी)
अरुंधति राय अंग्रेजी की सुप्रसिद्ध लेखिका और समाजसेविका हैं. उन्होंने कुछ एक फिल्मों के लिए भी काम किया है. उन्हें ग्लोबलाइजेशन के विरुद्ध अपनी लड़ाई को लेकर उनकी पहली नॉवेल 'The God of Small Things' के लिए 1997 में प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.  
किरण बेदी : (भारतीय पुलिस सेवा की पहली IPS अधिकारी)
किरण बेदी भारत की पहली महिला IPS ऑफिसर रही हैं. इन्होंने दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंदियों के लिए कई सुधार कार्यक्रम भी चलाए. ट्रैफिक मैनेजमेंट और VIP सिक्योरिटी को लेकर भी इनका योगदान सबसे ज्यादा और सबसे सराहनीय रहा. किरण ने तिहाड़ जेल में बतौर कारागार महानिरीक्षक भी काम किया है.

अरुंधति भट्टाचार्या : (Chairperson, State Bank of India)
अक्टूबर 2013 में अरुंधति भट्टाचार्या को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का चेयरपर्सन बनाया गया. इन्होंने 1977 में बतौर प्रमाणीकरण अधिकारी SBI को ज्वाइन किया था और उसके बाद अपने छोटे-बड़े सहयोगों से बैंक की ग्रोथ को आगे बढ़ाया. अरुंधति ने SBI में अपने 36 साल के कॅरियर में खुदरा, खजाना और कॉर्पोरेट फाइनेंस के क्षेत्र में खास योगदान दिया.
किरन मजुमदार : (Shaw Founder, Biocon)
किरण मजूमदार शॉ एक भारतीय महिला व्यवसायी, टेक्नोक्रेट, अन्वेषक और बायोकॉन कंपनी की संस्थापक है. यह भारत के बंगलुरू में एक अग्रणी जैव प्रौद्योगिकी संस्थान है. किरन बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक व सिनजीन इंटरनेशनल लिमिटेड और क्लिनिजीन इंटरनेशनल लिमिटेड की अध्यक्ष हैं. उन्होंने 1978 में बायोकॉन कंपनी को शुरू किया. इसके बाद उत्पादों के अच्छी तरह से संतुलित व्यापार पोर्टफोलियो तथा मधुमेह, कैंसर-विज्ञान और आत्म-प्रतिरोध बीमारियों पर केंद्रित शोध के साथ इसे एक औद्योगिक एंजाइमों की निर्माण कंपनी के रूप में विकासित कर पूरी तरह से एकीकृत जैविक दवा कंपनी बनाया. अब इनकी यह कंपनी 572 मिलियन डॉलर का वार्षिक राजस्व पैदा करती है.
मैरी कॉम : (भारतीय बॉक्सर)
हमारे देश में बॉक्सिंग के नाम पर यूं तो कई बॉक्सर हुए हैं. मैरी कॉम ने इन सभी बॉक्सर्स के बीच अपना एक अलग नाम बनाया है. दो बच्चों की मां होने के बावजूद इन्होंने देश की बेस्ट बॉक्सर बनकर देश और खुद का दोनों का नाम ऊंचा किया है. दो मासूम से बच्चे होने के बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच में खेलने  के लिए मैरी कॉम को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इन सब मुश्किलों के बाद भी वह लड़ीं और पांचवे World Championship का खिताब व इसके साथ ही लंदन ओलंपिक्स में कांस्य पदक भी जीता. मैरी कॉम के प्रोफेशन की तरह ही उनका जीवन भी कई तरह की जंगों और मुश्किलों से भरा हुआ रहा है.
साइना नेहवाल : (भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी)
बीते कुछ सालों में आज की महिलाओं के लिए साइना नेहवाल रोल मॉडल बनकर उभरी हैं. साइना भारत की ऐसी पहली बैडमिंटन खिलाड़ी हैं जो ओलंपिक खेलों में अपने हुनर से भारत के लिए चार साल के राउंड में मैडल जीतकर लाईं. साइना ने अपने हुनर से यह साबित कर दिया कि कठिन परिश्रम और सॅम्पूर्ण समपर्ण की बदौलत जिंदगी में कुछ भी असंभव नहीं है.

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Posted By: Ruchi D Sharma