राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने लंबे समय से दुनिया का ध्‍यान खींचते रहे इस राज्य में लगाए गए राष्ट्रपति शासन को निरस्त कर दिया और दो नए केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रशासन का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया।


श्रीनगर (पीटीआई)। जैसे ही मध्य रात्रि को 12 बजे और एक नया दिन शुरू हुआ, जम्मू और कश्मीर गुरुवार को एक राज्य से दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल गया। इस बदलाव से असहज घाटी वैसे ही बंद रही जैसा कि बीते 88 दिनों से है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'नई सिस्टम' का उद्देश्य 'विश्वास की एक मजबूत कड़ी का निर्माण' करना है।भारत में राज्यों की संख्या घटकर रह गई है 28


राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने लंबे समय से दुनिया का ध्यान खींचते रहे इस राज्य में लगाए गए राष्ट्रपति शासन को निरस्त कर दिया, और दो नए केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रशासन का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। यह पहली बार है कि किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में बदला जा रहा है, इन दो नए केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर देश में अब नौ संघ शासित प्रदेश हो गए हैं। वहीं भारत में राज्यों की संख्या घटकर 28 रह गई है।राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया

यह सरकार की 5 अगस्त की घोषणा के अनुसार था, जिसमें धारा 370 के तहत राज्य के विशेष दर्जे को वापस ले लिया गया था और राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था। जम्मू-कश्मीर में गिरीश चंद्र मुर्मू और लद्दाख में राधा कृष्ण माथुर ने नए केंद्र शासित प्रदेशों के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया। जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने इन्हें दिन में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई, पहले लेह में और फिर बाद में श्रीनगर में।धारा 370 को निरस्त करने का बचावजब यह बदलाव हो रहा था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निकट थे, जहां उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 144 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और 'राष्ट्रीय एकता की प्रतिज्ञा' का नेतृत्व किया। धारा 370 को निरस्त करने का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के प्रावधान ने केवल जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद पैदा किया। प्रधानमंत्री ने कहा, 'जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में नई प्रणाली का मतलब भूमि पर एक रेखा खींचना (एक सीमा खींचना) नहीं है, लेकिन विश्वास की एक मजबूत कड़ी का निर्माण करना है।'पाकिस्तान का दरवाजा बंद

पाकिस्तान पर पीएम ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत के खिलाफ जो युद्ध नहीं जीत सकते वे उसकी एकता को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। मोदी ने कहा, 'देश ने धारा 370 को निरस्त करने का फैसला लिया, जिसने केवल उस राज्य को अलगाववाद और आतंकवाद दिया था।' पीएम ने कहा कि 'पटेल ने एक बार कहा था कि अगर उन्होंने कश्मीर के मुद्दे को संभाला होता तो इसे हल करने में इतना समय नहीं लगता।' उनका इशारा देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की ओर था, जिन्हें सत्ताधारी बीजेपी कश्मीर मुद्दे के लिए अक्सर जिम्मेदार ठहराती आई है। राष्ट्रीय राजधानी में एक सभा को संबोधित करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद का प्रवेश द्वार थे। मोदी ने उन्हें निरस्त कर उसका दरवाजा बंद कर दिया है।जम्मू-कश्मीर : हटने लगे बैन, 5 जिलों में 2 जी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं हुईं शुरूस्कूल से दूर रहे बच्चे
इस कदम के साथ, जम्मू और कश्मीर का संविधान और रणबीर दंड संहिता का अस्तित्व समाप्त हो गया, हालांकि, कश्मीर घाटी में, बंद और तनाव भरा एक और दिन था, बाजार बंद, सड़कें खाली और बच्चे स्कूल से दूर रहे। श्रीनगर के सिविल लाइन्स क्षेत्र के निवासी मुज़म्मिल मोहम्मद ने कहा, 'यह हमारे हितों के खिलाफ एक निर्णय है। उन्होंने हमें हमारी विशेष स्थिति और हमारी पहचान को लूट लिया है।' एक अन्य स्थानीय, उमेर जरगर ने कहा, 'कश्मीर एक विवादित क्षेत्र था और भारत का निर्णय अवैध, अनैतिक और असंवैधानिक था।' जरगर ने कहा कि 'भारत धारा 370 को निरस्त नहीं कर सकता। यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में है। यह फैसला अवैध, अनैतिक और असंवैधानिक है'।जम्मू-कश्मीर से Article 370 हटाने पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को नोटिस, अब अक्टूबर में होगी सुनवाईदो दिवसीय यात्रा पर घाटी आया हुआ था यूरोपियन प्रतिनिधिमंडलअधिकारियों ने कहा कि लगातार तीसरे दिन, किसी भी वेंडर ने टीआरसी चौक-लाल चौक रोड पर स्टॉल नहीं लगाए। सड़क किनारे विक्रेताओं, जिन्होंने पिछले दो महीनों में नियमित रूप से अपने स्टॉल लगाए थे, मंगलवार से व्यापार के लिए नहीं आ रहे हैं, जब यूरोपीय संघ के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल स्थिति का आकलन करने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर कश्मीर घाटी आया हुआ था।घाटी में बहाल कर दिया गया है मोबाइल सेवा
घाटी में लैंडलाइन और पोस्ट-पेड मोबाइल फोन सेवाओं को बहाल कर दिया गया है, लेकिन 4 अगस्त की रात से सभी इंटरनेट सेवाएं निलंबित बनी हुई हैं। अधिकांश शीर्ष-स्तरीय और दूसरे नंबर के अलगाववादी राजनेताओं को प्रतिबंधात्मक हिरासत में ले लिया गया है, जबकि मुख्यधारा के नेताओं, जिनमें दो पूर्व मुख्यमंत्री - उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं, को या तो हिरासत में रखा गया है या उन्हें घर में नजरबंद रखा गया है। श्रीनगर से लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला को विवादास्पद सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है, कानून जो उनके पिता और नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला द्वारा 1978 में बनाया गया था जब वह मुख्यमंत्री थे।

Posted By: Mukul Kumar