-सात महीने से बंद है जन आहार, टेंडर के इंतजार में लटका ताला

- सस्ते भोजन को भटक रहे पैसेंजर, -रेलवे को भी हो रहा हर महीने लाखों का घाटा

VARANASI

रेलवे पैसेंजर्स को सहूलियत भरे सफर का दावा करता है लेकिन सच यह है कि कैंट रेलवे स्टेशन पर उनके भोजन का इंतजाम ही ठीक नहीं है। यहां उन्हें महंगा खाना ही मिल रहा है। सस्ते भोजन के लिए लोगों को इधर- उधर भटकना पड़ रहा है। टेंडर प्रक्रिया की धीमी गति के चलते पांच महीने से जन आहार केंद्र पर ताला लटका हुआ है। इससे रेलवे प्रशासन को भी हर महीने लाखों रुपए की चपत लग रही है।

लटक गया ताला

स्टेशन के फ‌र्स्ट फ्लोर पर स्थित जन आहार केंद्र को सस्ते रेट पर पैसेंजर्स को खानपान की वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए खोला गया था। यहां जनता थाली महज 35 रुपये में मिलती थी। जन आहार के संचालन की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी को दी गई है। लाइसेंस का टाइम पूरा होने के बाद यहां सात महीने पहले ताला लग गया। नए सिरे से आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब टेंडर खुलने का इंतजार किया जा रहा है। कुल मिलाकर पैसेंजर्स को परेशानी हो रही है।

देना पड़ रहा दोगुना

स्टेशन पर अन्य छोटे-बड़े स्टॉल मौजूद हैं। यहां खाना तो मिलता है लेकिन वो महंगा है। 35 रुपये की तुलना में पैसेंजर्स को भोजन के लिए 60 रुपये से लेकर 110 रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है। ब्रेकफास्ट आयटम के रेट में भी काफी अंतर है। देशभर से कैंट स्टेशन पहुंचने वाले पैसेंजर्स को दोगुने रेट पर भोजन के लिए पैसा देना पड़ रहा है।

पीएम को लिखा लेटर

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से जुड़ा मामला होने के कारण रेलवे इसे प्रियारिटी पर ले रहा है। यही वजह है कि ऑफिसर्स की तरफ से नार्दन रेलवे के चीफ कामर्शियल मैनेजर और पीएमओ को लेटर लिखा जा चुका है। लेटर के माध्यम से कैंट स्टेशन पर बंद पड़े जन आहार केंद्र से पैसेंजर्स की परेशानी से अवगत कराया गया। ताकि यहां पहुंचने वाले पैसेंजर्स को आसानी हो सके।

जन आहार के लिए 19 मार्च तक टेंडर खोल दिया जाएगा। अप्रैल के फ‌र्स्ट वीक से जन आहार की सुविधा पैसेंजर्स को मिलने लगेगी। लेट होने का कारण पॉलिसी में चेंजेज होना है।

अश्रि्वनी कुमार श्रीवास्तव, सीआरएम आईआरसीटीसी

Posted By: Inextlive