बालू घाटों की नहीं हुई नीलामी अब लगेगा एनजीटी का प्रतिबंध. स्टॉक में कमी नहीं है बालू की फिर भी बेचने पर है बैन. रांची में सैकड़ों प्रोजेक्ट फंसे हैं बालू की कमी के कारण.


रांची (ब्यूरो)। बालू की कमी जो अभी चल रही है, अब अगले महीने से और भयावह होने जा रही है। एनजीटी के आदेश पर दस जून से 15 अक्टूबर तक बालू का उठाव बंद रहेगा। अब 12 दिन बचा हुआ है। पंचायत चुनाव के कारण राज्य में आचार संहिता लगा हुआ था, जिसके कारण बालू का उठाव कहीं से नही हो पाया। अब एक जून से जब आचार संहिता खत्म होगा उसके बाद सिर्फ नौ दिन बचेगा। अब नौ दिन में कितना बालू स्टॉक हो जाएगा कि चार महीने तक परेशानी नहीं होगी। ऐसे में बालू के कारण कई बड़े प्रोजेक्ट पर इसका असर पडऩे वाला है। पहले से ही लाइट हाउस और स्मार्ट सिटी के काम पर प्रभाव पड़ रहा है। आगे दूसरे कई बड़े प्रोजेक्ट पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। 15 अक्टूबर तक परेशानी
सरकार ने पहले से हीं पंचायत चुनाव के कारण बालू घाटों का टेंडर नही किया है। एनजीटी द्वारा पारित आदेश के आलोक में राज्य के बालू घाटों से बालू का उठाव बारिश के मौसम में नहीं होना है। वर्ष 2020 से मॉनसून अवधि में यानी 10 जून से 15 अक्तूबर तक बालू के खनन पर पूरी तरह से रोक लगायी गयी है। इससे 15 अक्तूबर तक बालू संकट कायम रहने की आशंका है। सिर्फ स्टॉक माल उठेगा 10 जून के बाद केवल स्टॉक किये गये उठाव पर ही चालान और परमिट दिया जाएगा। इधर, राज्य में आधिकारिक रूप से बालू घाटों से खनन बंद है, सरकार ने वैकल्पिक रूप से कुछ घाटों पर बालू उठाने की अनुमति दी है। पहले से विलंब चल रहे टेंडर का फाइनांशियल बिड खुलने के पहले ही पंचायत चुनाव के कारण राज्य में आचार संहिता लग गयी। अब 31 मई तक टेंडर की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकेगी, उसके बाद टेंडर फाइनल करने के बाद भी 15 अक्तूबर तक बालू का उठाव पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। खान एवं भूतत्व विभाग ने आयोग से विभिन्न जिलों में स्थित 118 बालू घाटों का टेंडर करने के लिए आचार संहिता से छूट देने का आग्रह किया था, लेकिन वह नहीं मिला। बिक रहा है अवैध बालू


अलग-अलग जिलों में बालू घाटों का टेंडर नहीं किया गया है। आधिकारिक रूप से रांची में ही पिछले दो वर्ष से बालू का खनन बंद है। अवैध उठाव कर बाजार में बेचा जा रहा है। माफि या बालू का उत्खनन कर मुंहमांगी कीमत पर बालू बेच रहे हैं। 15,000 रुपये हाइवा , 600 रुपए सीएफ टी की कीमत बढ़ कर 22 हजार रुपए तक पहुंच गयी है। इसी तरह तीन हजार रुपए ट्रक 130 सीएफ टी की कीमत बढ़ कर 5000 रुपए हो गई है।समय-समय पर इंस्पेक्शन दस जून के बाद भंडारण स्थल से बालू का परिवहन मात्र ट्रैक्टर से किया जाएगा। बड़े वाहनों जैसे हाइवा, डंपर आदि का उपयोग नहीं किया जाएगा। उक्त कार्य स्थल पर मजदूरों की मजदूरी का भुगतान सरकार द्वारा तय दर पर किया जाता है। भंडारण स्थल से बालू के स्टॉक का निरीक्षण समय-समय पर किया जाएगा। भंडारण स्थल से बालू की बिक्री, आपूर्ति में सरकारी योजनाओं में आवश्यकता को प्राथमिकता दी जाएगी। बता दें कि माननीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण कोलकाता द्वारा पारित आदेश के आलोक में राज्य अंतर्गत बालू घाटों से बालू का उठाव बारिश के मौसम के समय किसी भी परिस्थिति में नही किया जाना है।

Posted By: Inextlive