सिस्टम बना नमक हराम
RANCHI: रांची में 50 क्विंटल नमक डिस्ट्रॉय किया जाएगा। दरअसल, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम(पीडीएस) लाभुकों को मिलने वाला नमक खाना में डालने पर खाना काला हो जा रहा है। फिलहाल सरकार ने इस नमक को मंगाना बंद कर दिया है, लेकिन जो नमक पहले से मंगाकार गोदामों में रखा गया है उसे बर्बाद किया जाएगा। झारखंड स्टेट फू ड कॉरपोरेशन के डायरेक्टर सुनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि राज्य भर के गोदामों में कई सौ टन नमक पड़ा हुआ है, जो सड़ रहा है। सभी जिलों के गोदाम प्रभारियों से रिपोर्ट मांगी गई है कि उनके यहां कितना नमक पड़ा हुआ है।
साल भर से गोदाम में नमकडायरेक्टर सुनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि झारखंड में एक साल पहले तक जो नमक मिल रहा था, उसमें कई शिकायतें आ रही थीं। उसके बाद से उस नमक को बंद कर दिया गया है और नया नमक बांटा जा रहा था। लेकिन 2017 में ही कई सौ टन नमक पूरे राज्य में मंगा लिया गया था, अब जो नमक गोदाम में रखा हुआ है जो बांटा नहीं गया है उसको डिस्ट्रॉय करने की तैयारी है।
ग जरात की कंपनी का है नमकजो नमक काला हो गया है, उसकी सप्लाई गुजरात की कंपनी द्वारा की गई थी। यह नमक अंकुर फेम लिमिटेड गुजरात द्वारा बनाया गया है। इसका उपयोग करने के बाद दाल और सब्जी का कलर ही बदल जा रहा है।
एक्सपायर हो गया है नमक राज्य सरकार ने राशन कार्ड धारकों को सस्ती दर पर आयोडीन युक्त नमक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक जिला तक नमक पहुंचाया था। पीडीएस दुकानदार के माध्यम से नमक का वितरण किया जाना था। लेकिन सरकार ने इस नमक को बंद कर दिया है। दरअसल नमक के पैकेट पर पैकिंग का माह एवं वर्ष जनवरी 17 लिखा हुआ है। साथ ही पैकिंग के एक वर्ष के भीतर प्रयोग योग्य भी लिखा हुआ है। इस लिहाज से नमक 31 जनवरी 2018 के एक्सपायर हो गया। काली हो रही दाल राज्य में एनीमिया से ग्रसित बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सेहत सुधारने की मंशा से केंद्र सरकार के निर्देश पर आयरन और आयोडीन युक्त डबल फ ोर्टिफ ाइड नमक की आपूर्ति की गई थी। राज्य के विभिन्न हिस्सों में डबल फ ोर्टिफ ाइड नमक की सप्लाई की गई थी। लेकिन, इस नमक के इस्तेमाल से कहीं दाल के काले होने, तो कहीं दाल की सतह पर काली परत जमने की शिकायत मिली थी। वर्जनराज्य के हर जिले में पिछले साल का मंगाया हुआ नमक पड़ा है। इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। लेकिन नमक पहले से मंगा कर रखा गया है। हर जिले से रिपोर्ट मांगी गई है कि कितना नमक पड़ा हुआ है। रिपोर्ट आने के बाद नमक को डिस्ट्रॉय करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
-सुनिल कुमार सिन्हा, निदेशक, झारखंड स्टेट फूड कॉरपोरेशन