- विधानसभा में विशेष सत्र के माध्यम से 11 नवंबर को पारित कराया जाएगा प्रस्ताव

- कैबिनेट की बैठक में 20 प्रस्तावों को मिली स्वीकृति, कई मामले घटनोत्तर स्वीकृति के

- कौशल विकास कार्यक्रम एक बार फिर श्रम विभाग के अधीन संचालित होंगे

रांची : राज्य कैबिनेट ने आदिवासी/सरना धर्म कोड का कॉलम जनगणना में शामिल करने को लेकर तैयार प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके बाद यह प्रस्ताव 11 नवंबर को बुलाए गए विशेष सत्र के दौरान विधानसभा से पारित कराया जाएगा। यहां से प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। झारखंड में लंबे समय से सरना धर्म कोड को लेकर आंदोलन चलते रहे हैं और विभिन्न स्तरों पर राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे को सहमति दी है। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह और राजीव अरुण एक्का ने दी।

आदिवासी भी होंगे शामिल

एक्का ने बताया कि सरना के अलावा कई अन्य धर्म को माननेवाले आदिवासी भी इस कॉलम के तहत सम्मिलित होंगे इस कारण से आदिवासी /सरना धर्म कोड को लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने पर निर्णय लिया गया है। जनगणना के दौरान अगर इसे शामिल किया गया तो यह सातवां कॉलम होगा। फिलहाल ¨हदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध व जैन धर्मों के लिए अलग से कॉलम हैं और इसके अलावा अन्य धर्म को माननेवालों के लिए अन्य कॉलम है। राज्य में कौशल विकास कार्यक्रम का कार्यान्वयन एक बार फिर उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग से हटाकर श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग में जोड़ने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की है। इसके अलावा कुल 20 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई जिसमें अधिसंख्य मामले घटनोत्तर स्वीकृति के हैं।

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धान लेते ही आधी रकम दी जाएगी

राज्य में किसानों से धान अधिप्राप्ति को लेकर सरकार के फैसले को कैबिनेट से घटनोत्तर स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही निर्णय लिया गया कि गढ़वा, पलामू और चतरा में धान अधिप्राप्ति के लिए एफसीआइ से आग्रह किया जाएगा और अन्य जिलों में यह काम स्टेट फूड कॉरपोरेशन के जिम्मे होगा। धान लेते ही आधी रकम किसानों को दी जाएगी और शेष राशि के भुगतान के लिए पुराने नियमों का पालन किया जाएगा।

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रिम्स में सीटें बढ़ाकर 250 करने की स्वीकृति

राज्य सरकार ने राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) रांची की एमबीबीएस सीटों की संख्या 150 से 250 करने के लिए भारत सरकार से एमओयू करने के प्रस्ताव पर सहमति देने की स्वीकृति दी गई। इसके तहत इंफ्स्ट्रक्चर विकास पर लगभग 120 करोड़ रुपये खर्च होंगे जिसमें से 60 फीसद 72 करोड़ रुपये केंद्र सरकार खर्च करेगी और 40 फीसद 48 करोड़ रुपये राज्य सरकार। अन्य खर्च राज्य सरकार के जिम्मे होगा।

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कैबिनेट के अन्य फैसले :

- पंचम झारखंड विधानसभा का चतुर्थ (विशेष) सत्र 11 नवंबर 2020 को आहूत करने के फैसले को मिली स्वीकृति।

- वित्तीय वर्ष 2020-21 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

- रांची में दो एवं धनबाद में चार विशेष सीबीआई न्यायालयों में सृजित 6 आदेशपाल के पदसृजन संबंधी निर्गत राज्यादेश में त्रुटिवश अंकित वेतनमान को विलोपित करने की स्वीकृति दी गई।

- झारखंड स्वावलंबी सहकारी समितियां अधिकरण नियमावली, 2020 की स्वीकृति दी गई।

- राज्य सरकार की अनुसूचित दर (एसओआर) के आधार पर आवश्यक कार्यों को कार्यान्वित किए जाने की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

- झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार अधिनियम, 2000 की धारा-90(क)(1) के प्रावधानों के तहत बाजार फीस प्रभार्य होने वाली वस्तुओं में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

- राष्ट्रीय बीज निगम, नई दिल्ली को चना का बीज देने के लिए नामित किया गया है।

- झारखंड संपूर्ण बिजली आच्छादन योजना अंतर्गत शेष बचे हुए कार्यों को पूर्ण करने हेतु दिसंबर 2021 तक योजना के अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गई।

- कोरोना संक्रमण के कारण एनसीटीई के निर्देश के अनुरूप बीएड कॉलेजों में सत्र 2020-22 में नामांकन के लिए संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित किए बिना मेधा सूची तैयार करने एवं काउंस¨लग एजेंसी के रूप में जेसीईसीईबी, रांची को प्राधिकृत करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।

- प्रोफेसर स्टीफन मरांडी कार्यकारी अध्यक्ष राज्य 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति झारखंड (मंत्री दर्जा प्राप्त)को अनुमान वेतन/भत्तों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई ।

Posted By: Inextlive