- दो महीने से फेल है फूड टेस्टिंग लैब का लाइसेंस

- सैंपल लेकर जबतक रिपोर्ट आएगी तबतक चट हो चुकी होगी मिठाई

- रांची की फूड टेस्टिंग पश्चिम बंगाल के हवाले

इस बार होली में कहीं ऐसा न हो कि आपको मिलावट वाली मिठाई खानी पड़ जाए, और आपको इसका पता भी न चले। क्योंकि जिस अथॉरिटी के ऊपर मिठाई में मिलावट की जांच की जिम्मेवारी है, उसी का सर्टिफिकेट दो महीने से फेल है। जी हां, एनएबीएल से प्रमाणिकता नहीं मिलने की वजह से एक जनवरी से फूड सैंपल की जांच बंद है। इन दिनों जांच के लिए सैंपल कोलकाता भेजा जा रहा है, जिसमे मैकेनिज्म स्लो होने के कारण काफी समय लगता है। इस वजह से यह कहना गलत न होगा कि इस होली फूड सैंपल की रिपोर्ट जबतक आएगी तबतक मिलावट वाली मिठाई चट हो चुकी होगी। कहीं ऐसा न हो कि यह खाने से लोगों के बीमार होने की भी खबरें आने लगें। इसलिए इस बार खुद की अवेयरनेस ही मिलावट से आपको और आपके परिवार को बचाएगी। इधर फूड एनालिस्ट चर्तुभुज मीणा का कहना है कि एनएबीएल प्रमाणिकता मिलने में दो से तीन महीने का समय और लग सकता है। तबतक रंगों का त्योहार होली बीत चुका होगा। होली का त्योहार ऐसा है, जिसमें मिठाइयों और दूध से बने सामानों की बिक्री काफी ज्यादा होती है। इसका फायदा उठाकर मिलावट खोर नकली मिठाइयों का स्टॉक बाजार में उतार देते हैं।

करोड़ों रुपए की मशीन शो-पीस

राज्य का एकमात्र फूड लेबोरटरी सेंटर जहां फूड सैंपल के टेस्ट का हर वक्त दबाव बना रहता है। जिसे देखते हुए कई नए इक्विपमेंट्स भी इंस्टाल किए गए हैं। फूड एनालिस्ट ने बताया कि लैब में साढे़ पांच करोड़ की मशीन इंस्टाल कर दी गई है। जबकि 3.28 करोड़ रुपए के इक्विपमेंट्स की खरीदारी जारी है। चार लाख रुपए का सर्टिफाइड केमिकल और ग्लास वेयर की खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है। ये इक्विपमेंट्स एनएबीएल के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। इनके बिना एनएबीएल सर्टिफिकेट नहीं देता है। इसमें अभी दो से तीन महीने का वक्त और लगेगा। इसका मतलब यह हुआ कि रांची फूड लैब में जून के बाद ही फूड की टेस्टिंग हो सकेगी।

लीगल सैंपल की जांच है बंद

नामकुम स्थित स्टेट फूड लेबोरेटरी में एक जनवरी से ही लीगल सैंपल की जांच बंद है। लीगल सैंपल वैसे सैंपल होते हैं जब किसी मिठाई विक्रेता या कोई जेनरल स्टोर या ऑयल का कारोबार करने वाले की कंप्लेन की जाती है। जिस पर डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन जांच अभियान चलाता है और फूड सैंपल की टेस्ट के लिए लैब भेजा जाता है। वैसे सभी सैंपल लीगल सैंपल में आते हैं। यह सबसे ज्यादा जरूरी होता है, क्योंकि इसी सैंपल की रिपोर्ट से पता चल पाता है कि जिस पर आरोप लगा है वो सच में मिलावट कर रहा है। लेकिन दुर्भाग्य है कि दो महीने से यह टेस्ट बंद है। सैंपल टेस्ट के लिए कोलकाता भेजा जा रहा है। हालांकि इस प्रक्रिया में काफी समय बर्बाद होता है।

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एक जनवरी से लीगल सैंपल के टेस्ट बंद हैं। शुरू होने में अभी दो से तीन महीने का वक्त लग सकता है। एनएबीएल के लिए जरूरी इक्विपमेंट्स की खरीदारी की प्रक्रिया जारी है। एनएबीएल सर्टिफिकेट के बाद ही टेस्ट शुरू होगा।

- चतुर्भुज मीना, फूड एनालिस्ट

Posted By: Inextlive