रांची: राजधानी रांची से निकलने वाला कचरा हर दिन शहर से कुछ दूर झिरी में ले जाकर डंप किया जाता है। इससे वहां पर कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। वहीं इससे निकलने वाला जहरीला पानी भी आसपास में रहने वालों के लिए आफत बनता जा रहा था। लेकिन अब ह्यूमन मेड हिल की घेराबंदी का काम चल रहा है, जिसके तहत डंपिंग यार्ड की बाउंड्री कराई जा रही है। इससे न तो कूड़ा तय इलाके से बाहर जाएगा। वहीं प्लांट लगाने पर सेफ्टी का पूरा इंतजाम भी होगा। इतना ही नहीं, कूड़े के पहाड़ को लेवल कर उसपर पार्क भी बनाने का प्रस्ताव दिया जा चुका है।

बाउंड्री का तेजी से चल रहा काम

डंपिंग यार्ड में आरसीसी बाउंड्री का काम तेजी से चल रहा है, जिससे कि शहर से निकलने वाला कचरा अब घेरबांदी में ही रहेगा। वहीं इससे निकलने वाला जहरीला पानी लोगों के घरों और फसलों तक नहीं पहुंचेगा। चूंकि सीमेंट की ढलाई वाली दीवार काफी मजबूत बनाई जा रही है। इसके अलावा जब गंदगी कम होगी तो लोगों को मच्छर और मक्खियों से भी छुटकारा मिल जाएगा। इससे पहले आसपास के लोगों ने कई बार नगर निगम से डंपिंग यार्ड में घेराबंदी कराने की मांग की थी। वहीं कई बार लोगों ने विरोध कर कचरा गिराने से रोका भी है।

कैंपस होगा सुरक्षित, लगेगा प्लांट

डंपिंग यार्ड का एरिया लगभग 48 एकड़ में फैला है। पहले नगर निगम ने दो एजेंसियों को वेस्ट कलेक्शन के साथ ही डिस्पोजल का भी जिम्मा सौंपा था। दोनों एजेंसियों ने वेस्ट कलेक्शन कर उसे जमा तो कर दिया। लेकिन डिस्पोजल नहीं होने के कारण वहां कूड़े का पहाड़ खड़ा होने लगा। आज पूरे एरिया में ही कूड़े का ढेर लगा है। स्थिति यह है कि कचरा पूरे इलाके से कम एरिया में समेटने की तैयारी है, ताकि पूरे एरिया को खाली कर वहां पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट किया जा सके। वहीं जल्द ही वेस्ट डिस्पोजल प्लांट लगाने की भी योजना है। उस लिहाज से कैंपस पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएगा।

कैंपस में गिरा रहे कचरा

राजधानी में दो लाख से अधिक हाउस होल्डर्स हैं, जहां से हर दिन 500 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। जिसे कलेक्ट कर पहले एमटीएस भेजा जाता है। इसके बाद कचरा एमटीएस से कांपैक्टर की मदद से डंपिंग यार्ड भेज दिया जाता है। ये कांपैक्टर डंपिंग यार्ड में कचरा गिराकर चले आते है। वहीं बहरसात के दिनों में तो रोड पर ही कचरा गिरा दिया जाता था। लेकिन बाउंड्री का काम होने से अब कचरा बाउंड्री के अंदर गिराया जा रहा है। वहीं रास्ते को भी दुरुस्त किया गया है ताकि गाडि़यां किसी भी हाल में बाहर कचरा न गिराए।

पार्क बनाने को बोर्ड की सहमति

डंपिंग यार्ड में कचरे के ढेर पर हॉर्टिकल्चर पार्क बनाने का प्रस्ताव डिप्टी मेयर ने दिया था। जहां फूल और फल उगाए जा सकेंगे। रांची नगर निगम परिषद की बैठक में इस मॉडल को पार्षदों ने पिछले साल ही सहमति दे दी है। बाउंड्री का काम पूरा होने के बाद एजेंसी को तलाश करने की योजना है। इसके बाद कूड़े के पहाड़ पर हॉर्टिकल्चर पार्क बनाया जाएगा। हॉर्टिकल्चर पार्क बनाने के लिए कचरे के ढेर को धीरे-धीरे कम किया जाएगा। वहीं उस पर पौधे लगाए जाने से आसपास का वातवरण भी शुद्ध होगा। साथ ही आसपास के लोगों को दुर्गध से भी छुटकारा मिल जाएगा।

बाउंड्री का काम चल रहा है। इसके बाद वहां पर पार्क बनाने का प्रस्ताव मैंने दिया था। अब तक तो इसी योजना पर काम चल रहा है। अगर नगर आयुक्त कुछ अलग प्रस्ताव देंगे तो उस अनुसार काम होगा।

-संजीव विजयवर्गीय, डिप्टी मेयर, रांची

Posted By: Inextlive