RANCHI : रिम्स में वर्षो से चल रही गुंडई की कहानियां परत-दर-परत खुल रही हैं। छात्रों की मानें तो रिम्स में हर साल आयोजित होनेवाला एनुअल इवेंट सिनर्जी गुंडई का अड्डा था। एक समूह के छात्र प्रतियोगिता के लगभग सभी आयोजनों में मुख्य भूमिका में रहते थे जबकि सारा काम पीडि़त छात्रों को करना पड़ता था। उन्हें मैदान में पत्थर चुनने से लेकर चूना करने तक का काम भी लिया जाता था। अगर छात्र इस काम में कोई कोताही बरतते थे तो उन्हें रात में बुरी तरह पीटा जाता था। छात्रों का कहना है कि रिम्स में सिनर्जी और जेडीए को बैन किया जाना चाहिए।

दबंग ग्रुप करता था पिटाई

आरोग्य भवन में रह रहे रिम्स के पीडि़त छात्रों ने कहा कि सिनर्जी का ख्0 दिनों का उत्सव उनके लिए किसी यातना से कम नहीं होता था। अगर सिनर्जी में उनसे कोई गलती हो जाती थी तो रात दस बजे के बाद दबंग ग्रुप के छात्र उनकी पिटाई करते थे। छात्रों का कहना है कि अगर उनके ग्रुप की कोई लड़की गलती करती थी तो उनके पूरे ग्रुप को मार खाना पड़ता था। दबंग ग्रुप इतना जालिम था कि उसके जूनियर छात्र पीजी छात्रों की उनकी पत्‍‌नी के सामने पिटाई करते थे।

ख्8 अगस्त की वो खौफनाक रात

रिम्स के छात्र कहते हैं कि उन्हें वह खौफनाक रात आज भी याद है जब ख्0क्0-क्क् बैच के छात्रों की ख्8 अगस्त ख्0क्क् को पिटाई की गई थी। उन्हें हॉस्टल नंबर सात में चुन-चुनकर मारा गया था। चूंकि सीनियर और रिम्स के टीचर्स उनका सपोर्ट नहीं कर रहे थे इसलिए वे जुल्म सह कर भी चुप थे। लेकिन तीन फरवरी ख्0क्भ् को हुई दर्दनाक घटना के बाद उनके सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने रिम्स में चल रही गुंडई को सबको बताने का निर्णय लिया। छात्रों का कहना है कि रिम्स में हो रही रैगिंग पर उन्होंने रिम्स डायरेक्टर एसके चौधरी को सूचना दी थी, लेकिन उन्होंने इसपर कोई काम नहीं किया।

Posted By: Inextlive