RANCHI : बाल श्रमिकों को रेस्क्यू कराने के लिए प्रशासन की ओर से अभियान शुरू किया जाएगा। इसमें स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) का सहयोग लिया जा रहा है। इन्हें कहा गया है कि वे होटलों, ढाबों में मजदूरी करनेवाले बच्चों को रेस्क्यू कराने के लिए लिस्ट तैयार करें, उसके बाद प्रशासन की ओर से छापेमारी की जाएगी। गौरतलब है कि लोअर बाजार पुलिस ने बाल मजदूरी कराने के आरोप में जोरार नामकुम के रमेश साव और भुईया टोली सामलौंग के महावीर मंडल को गिरफ्तार किया था।

एक करोड़ का मिला है फंड

बाल मजदूरों के पुनर्वास के लिए राज्य में बाल संरक्षण आयोग का भी गठन किया गया है। गठन के बाद से आयोग ने राज्य भर में काम करनेवाले बाल मजदूरों में से किसी के पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की है। सरकार ने बाल मजदूरी के खिलाफ प्रचार प्रसार में एक करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

बच्चों से मजदूरी कराने वालों पर लगेगा जुर्माना

बाल मजदूरों के पुनर्वास के लिए राज्य में लागू नियम के तहत बाल मजदूरी करानेवालों से बतौर दंड 25 हजार रुपये की वसूली की जानी है। साथ ही 25 हजार रुपऐ सरकार की ओर से बतौर अनुदान उनके पुनर्वास के लिए दी जानी है।

Posted By: Inextlive