रांची: राजधानी रांची में नशीले पदार्थो की बिक्री से लेकर इसका सेवन तक खुलेआम हो रहा है। शाम ढलते ही चौक-चौराहों, मुहल्लों में युवाओं का समूह अलग-अलग टोली में बैठकर इसका सेवन करते हैं। विशेष कर आईटीआई और खादगढ़ा स्थित बिरसा मुंडा बस स्टैंड में इसका नेटवर्क काफी फैला हुआ है। बस स्टैंड के आस-पास ही गांजे की बिक्री हो रही है। बीते शुक्रवार को आईटीआई बस स्टैंड में गांजे का सेवन करते युवकों को पंडरा पुलिस द्वारा खदेड़ा गया था। लेकिन पुलिस के जाते ही फिर से वे लोग उसी स्थान पर आकर बैठ गए। वहीं शनिवार को भी ऐसी सूचना मिली। डीजे आईनेक्स्ट की टीम जब आईटीआई बस स्टैंड पहुंची तो उस वक्त भी कुछ युवक गांजे का सेवन करते देख गए। कैमरा देखते ही सभी भाग गए। लोकल दुकानदारों ने बताया कि आस-पास के लोग और ऑटो ड्राइवर्स ने बस स्टैंड को बदनाम कर रखा है। इधर खादगढ़ा बस स्टैंड से लगातार ड्रग पेडलर्स की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है।

पैसेंजर्स भी परेशान

आईटीआई बस स्टैंड में लगभग हर दिन दो से तीन हजार लोगों का आना-जाना लगा रहता है। यहां 50 से ज्यादा बसें रोजाना अप-डाउन होती हैं। लोहरदगा, गुमला, बेड़ो, ईटकी समेत अन्य स्थानों के पैसेंजर आईटीआई बस स्टैंड से ही गाड़ी पकड़ते हैं। पैसेंजर्स की भी हमेशा यह शिकायत रहती है लेकिन आईटीआई बस स्टैंड पर नशेडि़यों की संख्या ज्यादा होती है। यहां जगह-जगह पर बैठ कर लोग गांजा, सिगरेट और शराब का सेवन करते रहते हैं। शाम छह बजे के बाद की हालत और ज्यादा खराब हो जाती है। बस स्टैंड के दुकानदारों ने बताया कि शाम के बाद शराबियों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है। यहां तक की पैसेंजर्स के लिए बनाया गया यात्री शेड भी सुरक्षित नहीं रहता है। यहां भी लोग नशा करने और जुआ खेलने बैठ जाते है। इस वजह से शाम की गाड़ी से रांची आने वाले पैसेंजर्स को परेशानी भी होती है।

सुरक्षा के नहीं इंतजाम

आईटीआई बस स्टैंड में सुरक्षा के कोई इंजताम नजर नहीं आते। यह इलाका पंडरा ओपी क्षेत्र में पड़ता है, जिस वजह से दिन भर में एक या दो बार पंडरा ओपी पुलिस आती है लेकिन कुछ ही देर बाद वह लौट भी जाती है। स्टैंड पर दुकान लगाने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि पुलिस आती तो है जांच करने लेकिन अपनी जीप से भी नीचे नहीं उतरती। पुलिस जीप में बैठे-बैठे होटल और दुकान से खाना मंगा कर खाती है और चली जाती है। इधर, नशेडि़यों की मौज रहती है। शाम में रोजाना कहा-सुनी होती है। मारपीट की भी नौबत आ जाती है। नशा करने वाले खुद आपस में लड़ बैठते हैं और गंदी-गंदी गालियों से माहौल खराब करते रहते हैं। इन सब के बीच आम पैसेंजर को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। शुक्रवार को भी ऑटो ड्राइवर ने गांजा पीने के बाद कहा सुनी शुरू कर दी। देखते ही देखते नौबत मारपीट तक पहुंच गई। मामला बढ़ने के बाद पुलिस पहुंची लेकिन कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ डांट-डपट कर चली गई। वहीं, सुरक्षा के नाम पर लगाया गया सीसीटीवी कैमरा भी कई महीनों से खराब पड़ा है। नगर निगम को इस स्टैंड से रोजाना हजारों रुपए का रेवेन्यू आता है फिर भी स्टैंड की हालत दयनीय है।

Posted By: Inextlive