RANCHI : धरती पर सावन की पहली बूंद क्या गिरी धरती ने सावन के स्वागत में हरे रंग का आंचल ओढ़ लिया. सावन के बूंदों से गिरी जीवन रस का मधु पीकर पेड़ की पत्तियां उन पर लदी बेलें और घास के मैदान सब हरे हो गए. हरियाले पीपल की छटा देखकर हरियल तोता भी आनंद से भाव-विभोर होकर बावरों सा उडऩे लगा. धरती पर अचानक बिखरी यह हरियाली सावन का असर है उस सावन का असर जिसने सबमें जादू सा कर दिया है.

शिव को भी पसंद है हरा रंग
पंडित पिनाकी मिश्रा बताते हैं कि शिव को भी सावन का हरा रंग भाता है। उन्होंने बताया कि सावन में हरियाली पसरने का एक बड़ा कारण ये है कि सावन और भादो माह में ही वर्षाकलिक नक्षत्र अपना असर दिखाते हैं और इस काल में वर्षा होने पर नए अंकुर फूटते हैं.धरती हरियाली की चादर ओढ़ लेती है। शिव जी को जो बेलपत्र चढ़ता है, उसकी खासियत ये है कि बरसात में ही मिनरल्स बेलपत्र में जाते हैं और यह पूर्णविकसित होता है।

ग्रीन फैशन भी लहरा रहा
सावन के शुरू होते ही राजधानी में ग्रीन फैशन भी लहरा उठा है। बाजार में जहां हरे रंग की लहठी की धूम है, वहीं सावन सिंघारा में महिलाएं हरे रंग की आउटफिट में छटा बिखेर रही हैं। रांची ओवरब्रिज स्थित एनआइएफडी की डायरेक्टर आरती आनंद ने बताया कि जब प्रकृति हरियाली की चादर ओढ़ ले और बादल बरसने को मचल जाएं, तो ऐसी कौन सी महिला होगी, जिसे हरे रंगों से प्यार न हो जाए.  इस मौसम में हरे रंग की चूडिय़ों का भी क्रेज रहता है।

क्वीन बनना है तो पहनो हरा
सिटी में सावन क्वीन बनने का टें्रड भी शुरू हो गया है। सावन क्वीन बनने के लिए ग्रीन फैशन हेल्पफुल साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में सिंपल हरी साड़ी को भी डिजाइनर लुक दिया जा सकता है.  मिक्स एंड मैच का फंडा अपनाया जाए तो खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं।

Posted By: Inextlive