-मुख्यमंत्री बोले- पिछली सरकार के निकम्मेपन का नतीजा, गलती स्वीकार करना सीखें

-विपक्ष ने कहा, डीजीपी को बचाने के लिए बड़े वकील लगाए लेकिन नौकरियां बचाने को सही से पैरवी नहीं की

-विपक्ष ने पहली पाली में लगातार बाधित की सदन की कार्यवाही, वेल में आकर करते रहे नारेबाजी

रांची : नियोजन नीति रद करने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश की आड़ में मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। पहली पाली में जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, भाजपा के विधायक हाई कोर्ट के आदेश के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इसपर चर्चा की मांग करने लगे। इसके जवाब में सत्ता पक्ष के विधायक भी हाईकोर्ट के आदेश के लिए पूर्व की रघुवर सरकार को जिम्मेदार ठहराने लगे। इनके अनुसार, पिछली सरकार के निक्कमेपन और गलत मंशा का खामियाजा यहां के युवा भुगत रहे हैं। इससे पहले भाजपा के विधायक अमर बाउरी ने इसपर चर्चा की मांग को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिसे स्पीकर ने अस्वीकार कर दिया।

बचाव नहीं करने का आरोप

भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार पर नियोजन नीति पर हाईकोर्ट में सही तरीके से पक्ष नहीं रखने तथा बचाव नहीं करने का आरोप लगाया। इसके विरोध में अमर बाउरी, सीपी सिंह, रणधीर सिंह, भानु प्रताप शाही सहित तमाम विधायक वेल में पहुंच कर हंगामा करने लगे। इस क्रम में कांग्रेस और झामुमो के भी विधायक भी भाजपा विधायकों की तरफ इशारे करते हुए जोर-जोर से बोलने लगे। सदन में लगभग आधे घंटे तक चले इस हंगामे के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे दोबारा कार्यवाही

साढ़े बारह बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी भाजपा विधायकों का रुख पूर्व की तरह ही रहा। इस क्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट के आदेश के लिए पिछली सरकार की करनी को जिम्मेदार ठहराया। कहा, जैसी करनी वैसी भरनी। कहा कि पूर्व की सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली के आधार पर ही हाईकोर्ट का आदेश आया है। इनकी नियमावली की वजह से हजारों नियुक्तियां स्थगित रहेंगी। मुख्यमंत्री बोले- संविधान जो नहीं करने को कहता है, पिछली सरकार ने उसे भी कर दिया। अब जब कोर्ट का आदेश आया है तो विपक्ष पिछली गलतियों को स्वीकार करना भी सीखे। विपक्ष ने दूसरे राज्यों के लोगों को यहां बहाल करने के लिए 11 जिलों में नौकरी के दरवाजे खुले रखने का भी आरोप पिछली सरकार पर लगाया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हजारों युवाओं को नौकरी जाने की तकलीफ उन्हें भी है। फिलहाल यह कोर्ट का आदेश है। आदेश का अध्ययन होगा और सरकार समीक्षा कर ही आगे कोई निर्णय ले सकती है।

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कोर्ट में बचाव नहीं करने का आरोप

विपक्ष ने राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट में नियोजन नीति का बचाव नहीं करने तथा सही पक्ष नहीं रखने का आरोप लगाया। विधायक अमर बाउरी ने कहा कि पिछली सरकार ने नियोजन नीति लागू कर 13 अधिसूचित जिले में शत-प्रतिशत नौकरी दस वर्षों के लिए स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने का काम किया। वर्तमान सरकार इसे भी बचा नहीं सकी। सवाल उठाया कि जब 1985 की डेट लाइन को यह सरकार बचा नहीं सकी तो 1932 के खतियान को कैसे लागू करेंगे? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस सरकार ने डीजीपी को बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में बड़े वकील को लगाया, लेकिन राज्य के हजारों युवाओं की नौकरी बचाने के लिए सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया।

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भाजपा विधायक रणधीर सिंह को स्पीकर ने किया मार्शल आउट

नियोजन नीति मामले में हाईकोर्ट में सही पक्ष नहीं रखने का आरोप लगाकर सदन में हंगामे पर उतारू भाजपा विधायकों के हंगामे के दौरान स्पीकर रबींद्रनाथ महतो विधायक रणधीर कुमार सिंह के अभद्र आचरण पर नाराज हो गए। दरअसल रणधीर कुमार सिंह द्वारा जोर-जोर से बोलने पर स्पीकर ने पूछा कि ऐसा ही चलेगा क्या? इसपर रणधीर कुमार सिंह ने भी ऊंची आवाज स्पीकर को जवाब दे दिया कि हां ऐसा ही चलेगा। इससे स्पीकर नाराज हो गए। स्पीकर ने इससे नाराज होकर रणधीर ¨संह को मार्शल आउट कर दिया। उन्होंने कहा कि यह गुंडागर्दी की जगह नहीं है। स्पीकर का आदेश मिलने पर लगभग आधा दर्जन मार्शलों ने रणधीर सिंह को सदन से बाहर कर दिया, हालांकि सदन की दूसरी पाली में उन्हें वापस बुला लिया गया। इधर, रणधीर सिंह ने स्पीकर द्वारा मार्शल आउट किए जाने को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि स्पीकर कहीं न कहीं सरकार की नाकामी को छिपाने का काम कर रहे हैं। वे सरकार के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। यदि जनता की आवाज को सदन में उठाना गलत है तो वे सैकड़ों बार ऐसा करेंगे।

Posted By: Inextlive