जीएसटी के खिलाफ बंद रहीं कपड़ा दुकानें
--राज्यभर में 100 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित
रांची : कपडे़ पर जीएसटी लागू करने के विरोध में थोक वस्त्र विक्रेता संघ के 72 घंटे की हड़ताल की शुरुआत मंगलवार को हुई। राजधानी के 200 से भी अधिक थोक कपड़ा कारोबारियों ने अपनी दुकानों को बंद रखा। सभी व्यापारी गांधी चौक पर जमा हुए और जीएसटी के विरोध में दो घंटे का मौन भी रखा। उसके बाद बाजार में घूमकर सभी ने व्यवसायियों से चर्चा की। व्यापारियों ने दावा किया कि बंद के पहले दिन राज्य में 100 करोड़ से भी अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ। फैसला ही गलतअध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने बतायेा कि कपड़ा व्यवसाय पर जीएसटी लगाने का फैसला पूरी तरह से गलत है। यह असंगठित क्षेत्र है। जहां व्यापारियों के साथ-साथ आम लोग भी जुड़े हैं। ऐसे में अचानक फैसला लेना पूरी तरह से गलत है। करोड़ों का कपड़ा अभी भी अपने देश में है। जिसका हिसाब लगाना मुश्किल है। आजादी से लेकर आजतक कपडे़ पर किसी तरह का भी कोई टैक्स नहीं लगाया गया है। कपडे़ पर जीएसटी लगाने का व्यापक असर देखने को मिलेगा। देश में सिर्फ मॉल कल्चर ही रह जाएगा। छोटे व्यवसायियों को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दो दिनों तक पूरी तरह से थोक कपड़ों का कारोबार बंद रहेगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य के सभी थोक वस्त्र विक्रेता अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखें। मौके पर अनिल अग्रवाल, अनूप लाखोटिया, विनय, अशोक लाठ, शिव, सत्यनारायण मंत्री, प्रतिक मोर, संजय अग्रवाल, काशी कनोई, सुधीर मोदी आदि मौजूद थे।