RANCHI: राजधानी के कई इलाकों को नगर निगम ने नर्क बनाकर रख दिया है। इन्हीं इलाकों में एक हरमू हाउसिंग कॉलोनी भी है। जहां रांची नगर निगम की ओर से कूड़ा-कचरा का मिनी ट्रांसफर स्टेशन बनाया गया है। लेकिन, कभी दवाओं का छिड़काव नहीं होने और गंदगी का अंबार लगने से लोगों का खुली हवा में सांस लेना भी दूभर हो गया है। हमेशा खिड़की-दरवाजे बंद करने के कारण लोग अपने ही घरों में कैद होकर रह गए हैं। ऐसे में लोगों ने नगर निगम के अधिकारियों से इस नर्क से मुक्ति दिलाने की गुहार लगाई है।

दुर्गध से निकल रहा दम

हरमू हाउसिंग में रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने घर लिया था ताकि खुली हवा में सांस ले सकेंगे। लेकिन स्थिति इतनी बदतर है कि अब तो घरों की खिड़कियां खोले कई दिन बीत जाते है। घर से बाहर आकर सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। लोग अपने ही घरों में कैद में रहने को मजबूर है। चारों ओर कचरे की दुर्गध और मच्छरों ने भी लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है। वहीं गाडि़यों के लगातार आवागमन से रोड की हालत भी खराब हो रखी है। जिससे कि दिन भर धूल उड़ती रहती है।

फ्रोटो के साथ लगाना है

नार्थ

-बाइपास रोड : जहां से गवर्नर, सीएम और राज्य के वरीय अधिकारियों का आना जाना होता है।

-साउथ

हरमू हाउसिंग म् : ब्0 परिवार करते है निवास। जिनका डंपिंग यार्ड की वजह से जीना मुहाल हो गया है।

इस्ट

हरमू नदी : डंपिंग यार्ड से महज भ्0 मीटर दूर बहती है हरमू नदी।

वेस्ट

पावर हाउस : डंपिंग यार्ड की बाउंड्री से ठीक सटा हुआ है हरमू का पावर हाउस।

सांस भी नहीं ले सकते

ऐसी जगह पर तो कचरा डंप ही नहीं करना चाहिए। दुर्गध से हमलोगों का जीना मुहाल हो गया है। हाउसिंग में तो नर्क जैसी स्थिति बनी हुई है। मच्छरों ने भी काफी परेशान कर रखा है। ऊपर से बीमारी भी अब पीछा नहीं छोड़ रही है। विरोध करने पर अधिकारियों ने कहा कि हमलोग भी इसे हटाने की सोच रहे हैं। अब हमलोग अपना घर छोड़कर भी तो नहीं जा सकते।

रीना वर्णवाल

दुर्गध तो इतनी है कि घर बंद रखना पड़ रहा है। कचरा भी उड़कर घरों में आ रहा। कंप्लेन करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब हमलोग तो घर बना कर परेशानी मोल लिए हैं। गाडि़यां आती हैं तो रोड भी खराब हो गया। दिन भर धूल उड़ती रहती है।

राणा सतीश कुमार

अगर अपना घर नहीं होता, तो कबका यहां से चले गए होते। यहां का मौसम और वातावरण देखकर ही हमने घर बनाया था। अब तो लगता है कि यहां घर बनाकर गलती कर दी। सुबह जब खिड़की खोलता हूं तो बच्चे गुस्साने लगते है। दुर्गध के कारण तो वे पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे। शाम होते ही घर में हिट मारना पड़ता है।

माधो प्रसाद

अपने ही घर में हमलोग कैदी की तरह रह रहे हैं। गार्डन में घूमना ही छोड़ दिया है। खिड़की तो खोलना जैसे एक मुसीबत है। हमलोग अपने ही घर में कैसे रहते हैं ये कोई नहीं समझ सकता। रांची नगर निगम के लोग तो छिड़काव भी नहीं करते हैं और कचरा लाकर छोड़ देते हैं। हम लोगों को कई तरह की बीमारियां होने लगी है।

विमला गिरीश

वर्जन

इस बार बारिश होने के कारण ही वहां काफी कीचड़ जैसी स्थिति हो गई है। इस वजह से ही लोगों को दुर्गध से परेशानी हो रही है। हरमू में काफी जगह है, जहां पर मिनी ट्रांसफर स्टेशन बनाया जा सकता है। चारों ओर पेड़ होगा और कचरा भी मेकेनाइज्ड तरीके से ट्रांसफर किया जाएगा। इसके बाद लोगों को न तो गंदगी की शिकायत होगी और न ही कहीं कचरा देखने को मिलेगा। इसके लिए जल्द ही काम शुरू होगा।

-प्रशांत कुमार, नगर आयुक्त, रांची नगर निगम

Posted By: Inextlive