RANCHI: सबसे बड़े नक्सल टेरर कुंदन पाहन का गेम अब ओवर हो चुका है। सरेंडर के लिए राजी कराए जाने के बाद वह राजधानी रांची की सरहद में पहुंच चुका है। वह यहां ऐसे ठिकाने पर टिका है या टिकाया गया है, जहां मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे पुलिस के कुछ अफसरों से उसकी सीधी बातचीत चल रही है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट को भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरेंडर की शर्तो और कई अन्य बिंदुओं पर सहमति बन चुकी है और किसी भी दिन उसका सरेंडर डिक्लेयर किया जा सकता है।

क्00 से ज्यादा हत्याओं में हाथ

ब्0 वर्षीय कुंदन पाहन को राज्य का सबसे खूंखार और शातिर नक्सली माना जाता है। उसने वर्ष ख्009 में रांची-टाटा हाईवे पर स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार का तालिबानी अंदाज में सिर कलम कर दिया था। इसके पहले ख्008 में इसी हाईवे पर उसके दस्ते ने साढ़े पांच करोड़ की रकम लेकर जा रही आईसीआईसीआई बैंक की कैश वैन को लूट लिया था। झारखंड के पूर्व मंत्री और तमाड़ के एमएलए रमेश सिंह मुंडा और डीएसपी प्रमोद कुमार की हत्या के पीछे भी कुंदन ही था। रांची, खूंटी, सरायकेला, चाईबासा और कई अन्य जिलों में क्00 से भी ज्यादा हत्याओं में उसका हाथ बताया जाता है।

क्भ् लाख ईनाम रखा है झारखंड पुलिस ने

कुंदन पाहन पर झारखंड पुलिस ने क्भ् लाख ईनाम रखा है। वह मूल रूप से खूंटी जिले के अड़की प्रखंड स्थित बारिगढ़ा गांव का रहने वाला है। नक्सलियों के बीच वह आशीष, विकास और बीर सिंह मुंडा के नाम से भी जाना जाता है।

Posted By: Inextlive