रांची: डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है, क्योंकि मरीज की जान बचाकर उन्हें नई जिंदगी देने वाले डॉक्टर ही तो हैं। हालांकि, कोरोना महामारी में कुछ डॉक्टर्स अपने फर्ज से भटक गए हैं और मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने लगे हैं। वहीं, नर्सेज और मेडिकल स्टाफ्स भी अपना तेवर दिखा रहे हैं। विभिन्न मांगों को लेकर बार-बार काम बंद करने की शिकायतें आ रही हैं। ऐसे ही कुछ डॉक्टर्स पर डीसी ने कार्रवाई भी की है और उन्हें शोकॉज किया गया है।

रिम्स, सदर में लापरवाही

डॉक्टर्स व नर्सेज की लापरवाही का यह आलम रिम्स, सदर और दूसरे सरकारी हॉस्पिटल्स में भी देखने को मिल रहा है। सदर हॉस्पिटल की हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां कोरोना संक्रमण के डर से डॉक्टर पेशेंट्स को देखने भी नहीं आ रहे हैं वहीं कोरोना के अलावा दूसरी बीमारी से ग्रसित लोगों का इलाज भी कोविड-19 बोलकर रोक दिया जा रहा है। रिम्स में तीन दिन से ब्रेन हेम्ब्रेज के शिकार मरीज अपने ऑपरेशन का इंतजार कर रहा है। लेकिन कोरोना के डर से डॉक्टर ऑपरेशन नहीं कर रहे हैं। इधर, सदर में नर्स के काम बंद करने के कारण कई मरीजों को दवा और इंजेक्शन तक नहीं लगाया जा सका। डीसी के साथ हुई वार्ता के बाद भी नर्स काम पर नहीं लौटीं। हालांकि, सीएम द्वारा एक महीने की अतिरिक्त राशि देने की घोषणा के बाद धीरे-धीरे नर्सो ने काम शुरू कर दिया है, लेकिन डॉक्टर नदारद रहे। डॉक्टर के न रहने की वजह से इलाज के अभाव में सोमवार को कई मरीजों ने दम तोड़ दिया।

परिजन व डॉक्टर में तू-तू, मैं-मैं

लापरवाही के अलावा हॉस्पिटल का माहौल भी तनावपूर्ण बना हुआ है। डॉक्टर और अटेंडेंट के बीच लगातार नोकझोंक की खबरें आ रही हैं। सदर हॉस्पिटल में एक दिन पहले ही डॉक्टर और परिजनों के बीच काफी कहा-सुनी हो गई। परिजन ने बताया कि मरीज आईसीयू में भर्ती है लेकिन कोई डॉक्टर न तो देखने आ रहा है और न ही किसी ने रिपोर्ट ही बताई। वहीं अटेंडेंट ने बताया कि डॉक्टर से जब बेड अवेलेबल कराने की बात कही गई तो डॉक्टर ने किसी मरीज के मरने के बाद बेड उपलब्ध कराने की बात कही। अटेंडेंट शाहिद ने इस संबंध में बताया कि डॉक्टर जबरन बेड खाली करने कहते हैं। नहीं करने पर मारपीट की धमकी दी जाती है। एसडीओ के हस्तक्षेप के बाद मामला सलटा। लेकिन इस बीच परिजन अपने मरीज को लेकर परेशान हैं कि कहीं डॉक्टर उनके साथ कुछ गलत न कर दें। जिस डर से कुछ लोग बगैर ठीक हुए मरीज को डिस्चार्ज कराने को मजबूर हैं।

डीसी ने कार्रवाई के दिए आदेश

हास्पिटल से बार-बार शिकायत आने के बाद डीसी छवि रंजन ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने लापरवाही करने वाले और ड्यूटी पर नहीं आने वाले डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही है। डीसी ने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 56 के तहत 51 हेल्थ वर्कर्स और पांच डॉक्टर्स को शोकॉज किया गया है। वहीं, बार-बार कहने के बाद भी ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने के कारण डॉक्टर कीर्ति त्रिपाठी और कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर पूर्णिमा बेक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। इन दोनों की रांची सदर हॉस्पिटल में ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन प्रतिनियुक्ति स्थल पर योगदान नहीं देने के कारण यह एक्शन लिया गया है। डीसी ने कहा कि रांची जिला वैश्विक महामारी की चपेट में है। आपदा की इस घड़ी में हर किसी को अपना शत-प्रतिशत योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी जिस डॉक्टर के खिलाफ कंप्लेन आएगी, प्रशासन उनके खिलाफ सख्त एक्शन लेगा। आपदा के इस समय में हम सभी को मिलकर इसका काम करना है।

इन डॉक्टर्स को शो-कॉज

डॉ शिशिर विनायक

डॉ अनिता कुमारी

डॉ आलोक कुमार

डॉ सीमा प्रकाश

डॉ प्रमोद राज

Posted By: Inextlive