पीएमएवाई वाले घरों का रंग बदला तो होगी कार्रवाई
स्लग: कई ने गुलाबी रंग पर चढ़ाया मनपसंद कलर, मेयर से पार्षदों ने की कंप्लेन
-लाभुक का बोर्ड भी हटाया, नगर निगम में पहुंची शिकायत -पत्थर का शिलापट्ट लगाना है जरूरी, कई ने लगाए प्लास्टिक के बोर्ड >ranchi@inext.co.in RANCHI (4 Feb): अगर आपने प्रधानमंत्री आवास योजना(पीएमएवाइ) के तहत घर का निर्माण कराया है और इसका कलर चेंज करने की सोच रहे हैं, तो यह ख्याल अपने मन से निकाल दीजिए। चूंकि ऐसा करने वालों के खिलाफ रांची नगर निगम में पार्षदों ने कंप्लेन की हैं। लिखित शिकायत भी करने जा रहे हैं। इसके बाद घर का रंग बदलने वाले लाभुकों पर कार्रवाई की जाएगी। बताते चलें कि कई लोगों ने गृह प्रवेश करने के बाद अपने घरों का रंग बदल दिया है। वहीं, शिलापट्ट की जगह प्लास्टिक का भी बोर्ड लगा दिया है। कई ने गुलाबी से कर दिया सफेदपीएमएवाइ के तहत बने घरों को गुलाबी रंग से रंगना है, ताकि इसका आसानी से पता लगाया जा सके कि कहां-कहां आवास बनाए गए हैं। लेकिन कुछ लोगों ने घर का रंग गुलाबी से सफेद करा दिया और शिलापट्ट भी हटा दिया है। ऐसे में किसी को यह पता नहीं चल पाएगा कि उनका घर पीएमएवाइ के तहत बनाया गया है।
उखड़ने लगा प्लािस्टक बोर्डआवास बनाने के बाद लोगों को अपने घर के बाहर पत्थर का शिलापट्ट लगाना है। इसमें योजना का नाम, लाभुक की पूरी जानकारी और वार्ड नंबर लिखा होगा। लेकिन कई लाभुकों ने घर के बाहर प्लास्टिक पर लिखवाकर चिपका दिया है, जो अब उखड़ने ये बोर्ड अब धीरे-धीरे उखड़ने लगे है।
बॉक्स. घर बनाने को सरकार दे रही 2.25 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभुकों को घर बनाने के लिए सरकार 2.25 लाख रुपए दे रही है। इसमें चार किस्तों में लाभुकों को राशि उनके अकाउंट में भेजा जाता है। इसके अलावा अगर लाभुक चाहे तो खुद से पैसे लगाकर और भी कुछ काम करा सकता है। वर्जन लाभुक अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। इनलोगों को पहले हिदायत दी जाएगी कि घर का कलर गुलाबी करा लें। इसके बाद भी अगर ये लोग नहीं सुनेंगे तो फिर लाभुकों पर एक्शन लिया जाएगा। कुछ लोग प्लास्टिक का बोर्ड लगा चुके हैं। उन्हें भी समझने की जरूरत है। आखिर योजना का लाभ लिया है, तो इसमें छिपाने वाली क्या बात है। -जेरमिन टोप्पो, पार्षद, वार्ड-15