रिम्स का बजट 374 करोड़ पर दवाएं भी मयस्सर नहीं मरीजों को
स्लग: गवर्निग बॉडी की मीटिंग में सरकार के बजट पर बनी सहमति
-दवाइयों के अलावा मशीनें भी खरीदी जाएंगी -इमरजेंसी में हर मरीज को दवा उपलब्ध कराएगा रिम्स -चालू वित्तीय वर्ष में 19 करोड़ रुपए खर्च हुए दवा पर RANCHI (9 Feb): रिम्स गवर्निग बॉडी की मीटिंग में गुरुवार को 374 करोड़ के बजट पर सदस्यों ने सहमति दे दी। ये पैसे रिम्स में मशीनें खरीदने के साथ ही भवनों के निर्माण में भी लगाए जाएंगे। इसके अलावा मरीजों को दवा व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भी राशि खर्च करने की योजना है। लेकिन बीते वर्ष बजट होने के बावजूद मरीजों को जरूरी दवाएं हास्पिटल में उपलब्ध नहीं कराई जा सकीं। ऐसे में मरीजों को सभी दवाएं उपलब्ध कराने के दावे पर भरोसा नहीं किया जा सकता। मशीन व कंस्ट्रक्शन पर खर्च होंगे दो अरबकिसी भी हास्पिटल में मशीनें और इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना मरीजों का इलाज नहीं हो सकता। ऐसे में सरकार ने रिम्स के लिए 374 करोड़ का बजट पास किया है। इसमें से लगभग 115 करोड़ रुपए मशीनों की खरीदारी पर खर्च होंगे। जबकि 112 करोड़ रुपए का खर्च कंस्ट्रक्शन पर किया जाएगा। इन सबके अलावा आइटी पर 5 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है।
.ग्रुप बॉक्सओपीडी वितरण केंद्र में मात्र 20 दवाएं
हास्पिटल के ओपीडी दवा वितरण केंद्र में मरीजों को मुफ्त में दवाएं दी जाती हैं। लेकिन इस केंद्र में मात्र 20 दवाएं ही अवेलेबल हैं। वहीं पेडियाट्रिक्स और स्किन की दवाएं तो सेंटर में अवेलेबल ही नहीं हैं। इनडोर में इलाज कराने वाले मरीजों को भी स्लाइन और कुछ दवाएं ही मिल पाती हैं। 19 करोड़ खर्च, फिर भी कैल्शियम की दवा नहीं 2017-18 वित्तीय वर्ष में मरीजों के लिए दवा पर प्रबंधन ने 19 करोड़ रुपए खर्च किए। लेकिन हड्डी के मरीजों को कैल्शियम की दवा तक नहीं मिल पाई। वहीं पारासेटामोल जैसी दवा के लिए भी प्राइवेट मेडिकल स्टोर्स की दौड़ लगानी पड़ी। वर्जन बजट को सभी की सहमति से पास कर दिया गया है। गंभीर मरीजों को इमरजेंसी में हर छोटी से छोटी दवा उपलब्ध कराई जाएगी। अगर कोई दवा नहीं होगी तो लाना पड़ सकता है। चालू वित्तीय वर्ष में भी हमलोगों ने करोड़ों रुपए केवल दवा के लिए खर्च किए हैं। इसलिए अधिकारियों को भी हर हाल में दवा के अलावा जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी। डॉ। आरके श्रीवास्तव, डायरेक्टर, रिम्सहास्पिटल के लिए सरकार ने बजट पास किया था। जिस पर गवर्निग बॉडी की मीटिंग में सभी ने सहमति जताई है। यह खर्च बिल्डिंग बनाने, मशीन खरीदने के अलावा अन्य कार्यो में किया जाएगा। बजट में दवा और अन्य सामान भी शामिल होने चाहिए। जो मुद्दे मैंने मरीजों के हित में उठाया उसका तत्काल समाधान करने की बात कही गई है।
-राजकिशोर सिंह, सांसद प्रतिनिधि