रांची: सिटी के मेडिकल स्टोर्स में टूट रहे स5ाी रूल कहीं साबित ना हो जाए बड़ी 5ाूल. जी ह

रांची: सिटी के मेडिकल स्टोर्स में टूट रहे सभी रूल, कहीं साबित ना हो जाए बड़ी भूल। जी हां, कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने व मरीजों की जल्द पहचान के लिए स्वास्थ्य सचिव नीतिन मदन कुलकर्णी द्वारा जारी आदेश को सिटी के मेडिकल स्टोर वाले ठेंगा दिखा रहे हैं। आलम ये है कि दवा के खरीदारों की थर्मल स्क्रीनिंग तो दूर सोशल डिस्टेंसिंग भी यहां तार-तार हो रही है। इतना ही नहीं, सेक्रेटरी द्वारा सर्दी-खांसी, जुकाम के मरीजों का नाम, पता, मोबाइल रिकार्ड करने के आदेश की भी खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं। दुकानदार द्वारा बीमारी का नाम बताते ही पैसे लेकर दवाई हाथ में थमा दी जा रही है। नाम तक पूछने की जहमत मेडिकल स्टोर वाले नहीं उठा रहे हैं। हां, जो लोग दवा का बिल मांग रहे हैं, उनका नाम जरूर पूछ रहे हैं, ताकि बिल में नाम लिख सकें। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने सिटी के विभिन्न इलाकों में स्थित मेडिकल स्टोर में कोरोनावायरस की सतर्कता को लेकर रियलिटी चेक किया। पेश है रिपोर्ट।

स्पॉट: कचहरी रोड

टाइम:12.30 बजे

कचहरी रोड स्थित कमल फार्मा में मांगने पर बगैर कुछ डिटेल लिये ही दुकानदार ने सर्दी-जुकाम की दो गोली थमा दी। दुकानदार ने न तो बीमारी का कारण जानने की कोशिश की और न दवा खरीदार की थर्मल स्क्रीनिंग ही की गई। पारासिटामोल की दो टैबलेट देते हुए सुबह-शाम खाने की परामर्श दे डाली।

स्पॉट: अल्बर्ट एक्का चौक

टाइम:12.50 बजे

अल्बर्ट एक्का चौक स्थित ब्रदर्स फार्मा समेत आसपास की अन्य दवा दुकानों में भी ग्राहक से कोई ब्यौरा नहीं मांगा जा रहा है। बिल बनाने के लिए सिर्फ नाम पूछा गया। इसके अलावा कोई डिटेल नहीं मांगी गई। वहीं, ब्रदर्स फार्मा में तो सोशल डिस्टेंसिंग भी कोई मायने नहीं रखती।

स्पॉट: हिनू

टाइम: 1.30 बजे

हिनू की कई दवा दुकानों में भी यही नजारा है। न सेफ्टी दिखी न दुकानदार ही किसी का डिटेल लेते दिखे। कुछ दुकानों में बिल के लिए खरीदार का सिर्फ नाम ही पूछा गया। अधिकतर दुकानदार तो नाम भी पूछना जरूरी नहीं समझ रहे हैं।

आखिर क्यों जरूरी है दवा खरीदार का डिटेल रखना

सचिव की ओर से जारी किए गए निर्देश में कहा गया है कि सर्दी, खांसी और जुकाम की मेडिसीन लेने आने वाले लोगों का डिटेल रखने से उनकी आसानी से पहचान हो सकेगी। भविष्य में किसी तरह की शिकायत मिलने पर उस व्यक्ति तक पहुंच कर कोरोना संक्रमण की जांच भी की जा सकेगी। साथ ही ऐसे मरीजों का समुचित इलाज किया जा सकेगा। इस काम में ड्रग इंस्पेक्टर को भी सभी दुकानों से डिटेल लेने को कहा गया है। लेकिन ड्रग इंस्पेक्टर सुस्ती दिखा रहे हैं। दरअसल, दुकानदारों की ओर से ऐसे मरीजों की एक लिस्ट तैयार कर अपने पास रखनी होगी, जिसे वे ड्रग इंस्पेक्टर को सौंपेंगे। ड्रग इंस्पेक्टर उस लिस्ट को औषधि निदेशालय को उपलब्ध कराएंगे। जहां ऐसे मरीजों की पहचान कर उनका इलाज शुरू किया जाएगा।

Posted By: Inextlive