दिमागी बुखार के दो मरीज पहुंचे रिम्स
RANCHI: अक्सर बरसात में तेजी से फैलने वाली बीमारी जापानी इंसेफेलाइटिस(दिमागी बुखार) ने झारखंड में इस बार गर्मी शुरू होते ही दस्तक दे दी है। इससे ग्रसित दो बच्चे रिम्स में भर्ती कराए गए हैं। मच्छरों के काटने से होने वाली यह बीमारी बेहद खतरनाक है। ज्यादातर बच्चों को होने वाली इस बीमारी में डिजेबल होने का भी खतरा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही लोगों को भी सचेत हो जाने की जरूरत है।
मल्टी आर्गन फेल होने का डर जापानी इंसेफेलाइटिस क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे दिमागी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। इससे ग्रसित बच्चा या व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है। वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि जेइ के मरीजों के मल्टी आर्गन फेल्योर होने का भी डर रहता है, जो मौत की वजह हो सकती है। घर के पास गंदगी न होने देंजेइ से बचने के लिए हमें खुद से जागरूक होना होगा और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हमारे आसपास गंदगी बिल्कुल भी न हो। साथ ही घर में छोटे बच्चों को गंदे पानी के पास जाने से रोकना होगा। चूंकि इस बीमारी की चपेट में सबसे पहले छोटे बच्चे ही आते हैं। इनमें क्ब् साल तक के बच्चों की संख्या अधिक होती है। इसके अलावा कहीं भी जमा पानी देखने पर उसे साफ करें।
जेइ के लक्षण -तेज बुखार -सिर दर्द -लाल आंखें -थकान महसूस होना -चिड़चिड़ापन -मुंह से झाग निकलना -बेहोशी -सांस लेने में दिक्कत -हाथ-पैर में अकड़न