RANCHI: राजधानी में वेंडरों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। जहां जगह मिलती वहीं दुकान लगाकर बैठ जा रहे हैं। अब वेंडरों ने राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स को भी नहीं छोड़ा है। हॉस्पिटल कैंपस में ही जहां-तहां दुकानें सजा ली हैं। इतना ही नहीं, वेंडरों ने तो ट्रामा सेंटर को भी कब्जे में ले लिया है। वहीं गेट पर आटो स्टैंड और दुकानें सज रही हैं, जिसे हटाने को लेकर रिम्स और पुलिस का डंडा भी चला। लेकिन सबने इन वेंडरों के सामने सरेंडर कर दिया। आज इनकी वजह से गाडि़यों को ट्रामा सेंटर पहुंचने में परेशानी हो रही है।

दोनों गेट पर जमाया कब्जा

ट्रामा सेंटर में फिलहाल कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ गंभीर मरीज भी इलाज के लिए वहां रखे जा रहे हैं। ऐसे में 24 घंटे एंबुलेंस व मरीजों को लेकर आने वाली गाडि़यों का आवागमन होता है। दिन में तो आधे रोड के किनारे दुकानें रहती हैं। इसके अलावा ट्रामा सेंटर के दोनों गेट पर आटो और प्राइवेट एंबुलेंस वालों ने कब्जा जमा रखा है।

एक्शन लेने वाले बने मूकदर्शक

सुबह से रात तक वहां पर पुलिस की गाडि़यां भी पेट्रोलिंग के लिए आती हैं। वहीं ट्रामा सेंटर में कैंप होने के कारण पुलिस के जवान हमेशा तैनात रहते हैं। गाडि़यां गेट पर घंटों तक रुकती भी हैं। लेकिन इन वेंडरों पर कोई एक्शन नहीं होता, जिससे साफ है कि कहीं न कहीं ये अवैध कब्जा मिलीभगत से चल रहा है। यही वजह है कि ये लोग देखकर भी इसे अनदेखा कर देते हैं।

नो पार्किग में पार्क हो रही हैं गाडि़यां

रिम्स कैंपस को पूरी तरह से नो पार्किग जोन घोषित किया गया है। वहीं गाडि़यां लगाने पर 500 रुपए का फाइन भी तय किया गया है। फिर भी नो पार्किग में लोग अपनी गाडि़यां खड़ी कर रहे हैं। आधा रोड इनके कब्जे में है। इसके बावजूद न तो रिम्स प्रबंधन इन पर कार्रवाई कर रहा है और न ही ट्रैफिक विभाग। जबकि उन्हें कैंपस में जहां तहां लगने वाली गाडि़यों का चालान काटने को कहा गया था।

Posted By: Inextlive