राजधानी रांची में हल्की बारिश में ही कई स्थानों पर वाटर लॉगिंग की समस्या उत्पन्न हो जाती है. जलजमाव से लोगो का आना-जाना भी मुश्किल हो जाता है.


रांची (ब्यूरो): मेन रोड जैसे इलाके में भी जलजमाव की स्थिति रहती है। शहर में वाटर लॉगिंग की सबसे बड़ी वजह नालियों का नहीं होना है। कई इलाकों में बतरतीब ढंग से नालियों का निर्माण किया गया है। इससे सडक़ का पानी नाली में नहीं जा पाता। बरसात के मौसम में सिटी के निचले इलाकों की स्थिति और ज्यादा खराब रहती है। घरों के अंदर पानी चला जाता है। स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि लोगों का घरों से निकलना भी बंद हो जाता है। यहां होता है जल जमाव


रांची नगर निगम के कई वार्ड बारिश रुकने के बाद भी कई घंटों तक बारिश का पानी रोड पर ही जमा रहता है। अरगोड़ा, पुंदाग, रातू रोड, इदंद्रपुरी, चुटिया, मेन रोड, लालपुर, थड़पखना समेत अन्य इलाकों में वाटर लॉगिंग की समस्या बनी रहती है। कुछ इलाकों के अपार्टमेंट में भी बारिश का पानी घुस जाता है। कुंज विहार कॉलोनी स्थित अपार्टमेंट में रहनेवाले लोग हर बार बारिश के मौसम में अपने फ्लेट में ही कैद हो जाते हैं। मोटर से निकालते हैैं पानी

कुछ इलाकों में स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो जाती है कि आवागमन भी प्रभावित हो जाता है। तेज बारिश होने पर सडक़ पर घुटने भर पानी जमा हो जाता है। मोटर लगा कर पानी निकालने की नौबत आ जाती है। हरमू से अरगोड़ा जाने वाली सडक़, रातू रोड कब्रिस्तान के पास घुटने भर पानी जमा हो जाता है। इन इलाकों मेें नाली का निर्माण किया गया है, लेकिन रोड से ऊंचा होने की वजह से सडक़ का पानी नाली में नहीं जा पाता है। करोड़ों रुपए खर्च कर राजधानी में नाली का निर्माण किया गया था। प्रमुख सडक़ों के अलावा मुहल्लों की नालियां भी बेतरतीब ढंग से बनाई गई हैं। सीवरेज-ड्रेनेज का भी काम पेंडिंग राजधानी रांची में सीवरेज-ड्रेनेज का भी काम पेंडिंग है। कुछ इलाकों में सीवर पाइपलाइन बिछाई गई है, लेकिन प्लांट नहीं बनने की वजह से पाइपलाइन का कोई फायदा नहीं हो रहा है। एक बार फिर से सीवरेज का काम शुरू हुआ है, लेकिन मानसून से पहले सीवर का काम पूरा होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। इस बार भी मानसून में लोगों को जलजमाव की समस्या झेलनी पड़ेगी। नहीं मिल रही सुविधा

रांची नगर निगम टैक्स वसूलने में तो एक्टिव दिखता है, लेकिन सुविधाओं की ओर कोई ध्यान नहीं देता है। निगम एरिया में न तो नियमित साफ-सफाई होती है और न ही कचरे का उठाव होता है। मानसून को देखते हुए कुछ इलाकों में निगम ने साफ-सफाई शुरू तो की है, लेकिन कुछ खास इलाकों में। सिटी के ऐसे इलाके जहां सफाई की सबसे ज्यादा जरूरत है वहां तक निगम की टीम पहुंच भी नहीं रही है।

Posted By: Inextlive