पैरेंट्स की नजरों से बचकर ड्रग ले रहे हैं यूथ
अब सोनू घर में ही चोरी करने लगा और चोरी के पैसे से ब्राउन शुगर खरीदने लगा। हाल यह हुआ कि उसकी पढ़ाई चौपट हो गई और वह पूरी तरह से ड्रग एडिक्ट बन गया। फाइनली उसे डी-एडिक्शन सेंटर में एडमिट कराना पड़ा। सिटी में ऐसे कई यूथ हैं, जो हैं तो अच्छी-खासी फैमिली के, लेकिन गलत फ्रेंड्स की कंपनी में वे गलत रास्ते पर चल पड़े हैं और उनके पैरेंट्स इस बात से अनजान हैं। इसलिए जरूरी है कि पैरेंट्स अलर्ट रहें और अपने बच्चों की एक्टिविटीज पर नजर बनाए रखें। सिटी में ऐसे कई केसेज सामने आए हैं, जिनमें पैरेंट्स की बेफिक्री और बच्चों पर ब्लाइंड ट्रस्ट पैरेंट्स के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। क्योंकि, यूथ अपने पैरेंट्स के इस एटिट्यूड का गलत फायदा उठाकर गलत रास्ते पर चलने लगे हैं। खासकर ये अपनी मां को बेवकूफ बना रहे हैं। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि एक एनजीओ द्वारा सिटी में किए गए सर्वे की रिपोर्ट कह रही है।
90% guardians are careless
सिटी के ज्यादातर बिजनेसमेन के बेटे, ऑफिसर्स के बेटे और कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स ड्रग एडिक्ट बनते जा रहे हैं और इसकी जानकारी उनके पैरेंट्स को नहीं है। कई केसेज में घरवालों को भी पता तब चलता है, जब उनका लाडला पूरी तरह से नशे की गिरफ्त में आ जाता है। ऐसे में पैरेंट्स को यह देखने की जरूरत है कि आखिर उनका बेटा कहीं गलत संगत में बहक तो नहीं रहा है। वह ऐसा काम तो नहीं कर रहा है, जो आगे चलकर उसे नुकसान पहुंचाए। रांची के एक एनजीओ द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक, सिटी में 90 परसेंट गार्जियंस अपने बच्चों के प्रति केयरलेस हैं। सर्वे रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि ज्यादातर फैमिलीज में पिता अपने काम के प्रति सीरियस रहते हैं। उन्हें इस बात की फिक्र नहीं है कि उनके बच्चे किस डायरेक्शन में जा रहे हैं। ऐसे में मां ही बच्चों की देखरेख करती है, पर बच्चे उन्हें बेवकूफ बनाकर निकल जाते हैं। ज्यादातर ऐसी ही फैमिलीज के यूथ ड्रग एडिक्ट बन रहे हैं।
Active हैं drug peddlers
हाल के दिनों में सिटी में ड्रग्स के धंधे में तेजी से इजाफा हुआ है। खासकर कॉलेज और उसके आस-पास के एरियाज में ड्रग्स का हाई प्रोफाइल रैके ट काम कर रहा है। यह खुलासा हाल ही में रांची पुलिस द्वारा अरेस्ट किए गए कुछ ड्रग पेडलर्स ने किया था। सोर्सेज के मुताबिक, अभी दुर्गा पूजा के फेस्टिव एटमॉस्फियर में सिटी में ब्राउन शुगर के कई सौदागर एक्टिव हो गए हैं। सिटी में ड्रग्स की सप्लाई करनेवाले रैकेट्स ने वक्त के साथ अपनी मोडस ऑपरेंडी में भी काफी बदलाव किए हैं, जिसकी वजह से उन्हें पकड़ पाना पुलिस के लिए भी मुश्किल भरा काम साबित हो रहा है। ये ड्रग पेडलर्स अब खुद मार्केट में यह जहर नहीं घोल रहे हैं, बल्कि वे इस काम के लिए स्टूडेंट्स का यूज कर रहे हैं।
सुखदेवनगर थाना पुलिस ने संडे की रात ब्राउन शुगर का धंधा करनेवाले पप्पू प्रसाद गुप्ता को अरेस्ट किया था। पप्पू प्रसाद गुप्ता ने अपने कन्फेशन में पुलिस को बताया कि इस तरह के गैंग में ब्राउन शुगर की लत रखनेवाले कुछ यूथ को जोड़ा जाता है। जब भी ब्राउन शुगर की खेप रांची आती है, तब खास समय और जगह पर इन यूथ को बुलाकर खेप का बंटवारा कर दिया जाता है। इसके बाद ये कॉलेजेज के पास स्टूडेंट्स के बीच बड़ी ही असानी से इसकी सप्लाई कर देते हैं।
Student पर doubt नहीं होता
ड्रग्स सप्लायर्स अब पान दुकानों या लोकल क्रिमिनल्स की हेल्प से ड्रग्स की सप्लाई नहीं करते। अब वे स्टूडेंट्स को यूज कर रहे हैं। कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स ही अब ड्रग पेडलर्स बन गए हैं। कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं होने, स्टूडेंट होने के कारण जल्दी इनपर कोई डाउट भी नहीं करता है। ड्रग्स सप्लायर्स इसी का फायदा उठा रहे हैं. इन सप्लायर्स के स्ट्रांग नेटवर्क की वजह से बड़ी ही आसानी से ये स्टूडेंट्स सिटी में ड्रग्स के कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं।