बच्चे दिखा रहे हैं बड़ों को रास्ता, वैक्सीनेशन में दिख रहा उत्साह
रांची (ब्यूरो)। सिटी के 15 से 18 साल के बीच के किशोर यह भी कहते हैैं कि बड़ों को दोनों डोज लेने में परहेज नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे ही लोग कोविड के खतरे से पूरी तरह सुरक्षित रह पाएंगे। अनुराग निखिल कहते हैैं कि इस महामारी की स्थिति में मेरे लिए अपने परिवार के सदस्यों के साथ टीकाकरण करना बहुत आवश्यक था। मुझे 2-3 दिन तक बुखार और सिरदर्द की समस्या थी। लेकिन, मैैं इससे उबरकर वैक्सीन लेने आया हूं। मैं दूसरों को भी टीकाकरण का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करना चाहता हूं। वहीं प्रभव शुकला ने कहा मैं खुश हूं कि फाइनली वैक्सीन ले पाया हूं। कोरोना की दूसरी लहर में मेरा और पूरे परिवार के सदस्यों की तबीयत खराब हो गई था। घर पे सभी लोग वैक्सिनेटेड हैं। मैैं भी फस्र्ट डोज ले रहा हूं। जब समय आएगा, तब मैं दूसरी डोज भी लूंगा। इससे सभी सुरक्षित रह पाएंगे।
क्या कहते हैैं यूथ
कोविड महामारी हमारे उम्र के सभी लोगों के लिए बेहद कठिन दौर है। हम सभी अब भी अपना भविष्य गढऩे के पहले चरण में ही हैं। मैैं पहले ही दिन वैक्सीन ले चुका हूं। शुरुआती दो दिन बुखार और हाथ में दर्द की शिकायत थी, लेकिन अब बिल्कुल ठीक हूं।
उत्तम खलखो, गॉसनर कॉलेज (18 साल)
अविनाश मयंक (16 साल) मैैंने 6 नवंबर को ही वैक्सीन की फस्र्ट डोज ले ली। सिर्फ हाथ में दर्द महसूस हुआ। अब मानसिक रूप से खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हूं। वैसे वैक्सीन लेने के बाद भी मैैं कोविड गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करूंगी और दूसरों से भी यही अपील भी करूंगी।
कुसुम खेस (16 साल) कोरोना के तीसरे लहर की आमद हो चुकी है। दूसरे फेज में तो मेरी फैमिली के कई सदस्यों की स्थिति खराब हो गई थी। वैक्सीन ही है, जो सभी लोगों को बचाने में कारगर है। इसलिए सभी लोगों को वैक्सीन लेनी चाहिए और कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।
वर्षा उरांव, (15 साल)
मैंने वैक्सीन की पहली डोज 4 जनवरी को ली थी। वैक्सीन लेने के बाद बॉडी में कोई चेंजेज नहीं आए। रात में बुखार की समस्या थी पर सुबह तक ठीक भी हो गई। मुझे सेकेंड डोज 29 मार्च के बाद लेने का समय दिया गया है। दूसरी डोज भी जरूर लूंगी।
दीपिका खलखो (17 साल)
गुण बबुता (16 साल)