RANCHI : झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन की पांचवी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा से रिजेक्ट किए गए अभ्यर्थी गुरूवार को आयोग के दफ्तर के पास महाधरना में बैठकर जेपीएससी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इन्होंने मौके पर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू करने का ऐलान कर दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि न्याय मिलने तक अनशन जारी रहेगी। आयोग को यह बताना है कि किस आधार पर मुख्य परीक्षा से 617 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका रिजेक्ट की गई। इतना ही नहीं, कॉपी की री-चेकिंग के साथ पूरे मामले की जांच होनी चाहिए, ताकि आयोग की ओर से की गई गड़बड़ी उजागर हो सके।

किसी भी हाल में नहीं हटेंगे

रिजेक्शन को लेकर अनशन पर बैठे अभ्यर्थियों ने कहा कि आयोग के खिलाफ मांगे पूरी होने तक आरपार की लड़ाई जारी रहेगी। वैसे तो मुख्य परीक्षा के परिणाम आने के दूसरे ही दिन से आंदोलन चल रहा है, लेकिन अब इसे और तेज किया जाएगा। जबतक हमारी मांगे नहीं मानी जाती, किसी भी हाल में अनशन नहीं तोड़ेंगे। जेपीएससी दफ्तर के पास से नहीं हटेंगे, चाहे इसके लिए जो भी झेलने की नौबत आए।

विधायक का मिला आश्वासन

महाधरना के बाद आमरण अनशन कर रहे जेपीएससी अभ्यर्थियों से सिल्ली के विधायक अमित महतो मिलने पहुंचें। वे भी कुछ घंटे तक अभ्यर्थियों के साथ धरने पर डटे रहे। उन्होंने कहा कि सरकार और आयोग इन अभ्यर्थियों के साथ अन्याय कर रही है। इन अभ्यर्थियों की मांगों को जेएमएम का पूरा सपोर्ट है। इसकी जानकारी नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन को भी दे दी गई है। एक दिन बाद वे यहां आकर अभ्यर्थियों से मुलाकात भी करेंगे।

आयोग को बतानी होगी वजहें

अनशन पर बैठे अभ्यर्थी जेपीएससी के रवैए से काफी आहत महसूस कर रहे हैं। इनका कहना है कि उनकी सिर्फ दो मांगें हैं। पहला कि रिजेक्ट किए जाने की वजह बताई जाए और एक दिसंबर से शुरू हो रहे इंटरव्यू को कैंसिल किया जाए। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि वे आंदोलन कर रहे हैं और आयोग के अधिकारी सोए हुए हैं। जहां अनशन चल रहा है, वहीं से ये अधिकारी गुजरे, लेकिन बात तक करना मुनासिब नहीं समझा। रिजेक्शन की वजहें अगर जेपीएससी नहीं बता रही है तो कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है। इसकी जांच होनी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके।

Posted By: Inextlive