- दोनों ओर से जमकर चली लाठियां व हुई रोड़ेबाजी

- पत्रकार समेत चार घायल, पुलिस को करनी पड़ी लाठी चार्ज

PATNA : गुपचुप तरीके से प्रदर्शन पर निकले छात्र संगठनों ने बीजेपी स्टेट ऑफिस पर प्रदर्शन किया। बीजेपी का आरोप है कि छात्र संगठनों में जदयू का छात्र समागम, छात्र राजद, कुछ वामपंथी छात्र संगठन के कार्यकर्ता शामिल थे। इनके धावा बोलते ही वीरचंद पटेल जैसे रणक्षेत्र में बदल गया। दोनों ओर से जमकर लाठियां चलीं। दोनों ने एक-दूसरे पर रोड़ेबाजी की गई। शीशें की बोतलें फेंकी गई। इस दौरान एक निजी टीवी चैनल के पत्रकार राज तिलक, बीजेपी किसान मोर्चा के नेशनल जनरल सेक्रेटरी अनिल शर्मा, दिशा छात्र संगठन की वर्षा और गोविंद कुमार को चोट आई। बीच-बचाव में उतरे पुलिस फोर्स की भी दोनों गुटों ने एक न सुनी। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। अवैध रूप से प्रदर्शन करने निकले छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं को पुलिस टीम ने खदेड़ डाला।

तनावपूर्ण माहौल

दोपहर साढ़े क्ख् बजे के करीब हुई इस झड़प ने राजनीतिक माहौल को तनावपूर्ण बना दिया। लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए पटना पुलिस की ओर से बीजेपी, आरजेडी और जदयू के स्टेट ऑफिस के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स, मजिस्ट्रेट और राइट कंट्रोल वैन को लगाया गया है। मामले की जानकारी मिलते ही सिटी एसपी सेंट्रल चंदन कुशवाहा खुद जांच करने पहुंचे।

पहले से चल रहा था बीजेपी का प्रदर्शन

भारतीय जनता पार्टी की कला संस्कृति मंच की ओर से जेएनयू मसले पर प्रदर्शन का कार्यक्रम पहले से तय था। इसके लिए बीजेपी ने बकायदा एडमिनिस्ट्रेशन से परमिशन ले रखी थी। इनका प्रदर्शन स्टेट ऑफिस से निकलकर इनकम टैक्स गोलंबर तक होना था। लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन ने इसकी अनुमति दी थी कि अपने कैंपस में ही प्रदर्शन करें। इसलिए ऑफिस कैंपस में ही बीजेपी कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे।

बिना अनुमति प्रदर्शन करने पहुंचे

छात्र नेता कन्हैया की गिरफ्तारी के खिलाफ और उसकी रिहाई की मांग को लेकर तमाम छात्र संगठन एकजुट होकर पहुंचे थे। प्रदर्शन के लिए इन्होंने एडमिनिस्ट्रेशन से न तो कोई अनुमति ली थी और न ही किसी प्रकार की सूचना दी थी। पटना आर्ट कॉलेज से छात्र संगठनों ने अपना विरोध मार्च निकाला और पुलिस की नजरों से बचते हुए सीधे इनकम टैक्स के रास्ते बीजेपी ऑफिस पहुंच गए।

प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन पर है रोक

इनकम टैक्स से लेकर वीरचंद पटेल पथ का तमाम एरिया प्रतिबंधित क्षेत्र में आता है। इस एरिया में पहले से ही निषेधाज्ञा की धारा क्ब्ब् लागू है। इस प्रतिबंधित एरिया में किसी भी प्रकार के विरोध-प्रदर्शन पर एडमिनिस्ट्रेशन ने रोक लगा रखी है। यही कारण है कि बीजेपी को भी रोड पर प्रदर्शन करने नहीं दिया गया। लेकिन छात्र संगठनों ने काननू का उल्लंघन किया।

पुलिस की मुस्तैदी ने टाली बड़ी घटना

अगर पटना पुलिस की टीम बीजेपी ऑफिस के बाहर पहले से तैनात नहीं होती तो झड़प और खतरनाक रूप ले लेती और फिर बड़ी घटना हो सकती थी। कोतवाली थाने के एसएचओ रमेश कुमार सिंह और उनकी टीम पहले से अलर्ट थी।

मामले की जांच की जा रही है। जांच में ही पूरा मामला सामने आएगा। दोनों पक्षों के बयान पर एफआईआर होगी। हमलावर की पहचान की जा रही है। बीजेपी की कला संस्कृति मंच ने प्रदर्शन के लिए पहले से अनुमति ले रखी थी।

- चंदन कुशवाहा, सिटी एसपी, पटना

Posted By: Inextlive