आज देश में आधार कार्ड की अनिवार्यता द‍िन ब द‍िन बढ़ती जा रही है। आधार के ल‍िए हाथ की अंगुलियों और अंगूठे का निशान जरूरी है। आधार योजना में कुष्ठ रोगियों के लिए कोई गाइड लाइन नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है क‍ि वर्तमान में दुनिया के 60 फीसद कुष्ठ रोगी जो भारत में रहते हैं उनका क्‍या होगा। यहां पढ़े इस पूरे गंभीर मामले के बारे में...


अंगुलियों और अंगूठे का निशान जरूरीआधार कार्ड के लिए हाथ की अंगुलियों और अंगूठे का निशान जरूरी है। कुष्ठ रोगी इसमें असमर्थ हैं। लिहाजा इनका आधार कार्ड नहीं बनता है। आधार के बिना राशन, स्वास्थ्य, आवास जैसी तमाम बुनियादी सुविधाओं से लाखों कुष्ठ रोगी वंचित रह गए हैं। आधार योजना में कुष्ठ रोगियों के लिए कोई गाइड लाइन नहीं है। देश में कुष्ठ रोगियों की संख्या इक्का-दुक्का होती, तब मान भी लिया जाता कि आधार और डिजिटल पहचान संबंधी तमाम योजनाएं बनाते और लागू करते समय इनकी अनदेखी हो गई। लेकिन देश में इनकी संख्या कम नहीं है। सच्चाई यह है कि यह संख्या लगातार बढ़ रही है। दुनिया के 60 फीसद कुष्ठ रोगी भारत में रहते हैं। भीख मांगकर कर रहे गुजारा
बिलासपुर की बात करें तो कुष्ठ रोगी यहां अपनी अलग बस्तियों में रह रहे हैं। ऐसी ही एक बड़ी बस्ती नयापारा है। बिलासपुर शहर से महज आठ किलोमीटर दूर स्थित नयापारा में 600 कुष्ठ रोगी रहते हैं। यहां केवल कुष्ठ रोगी ही रहते हैं। इनकी यह बस्ती बुनियादी सुविधाओं से पूरी तरह वंचित है। कुष्ठ रोगियों की मुखिया कृष्णा बाई ने बताया कि आधार कार्ड न बनने के कारण सरकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। किसी का भी नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं है। बिलासपुर में नयापारा के अलावा इमलीभाठा, बैतलपुर, गणेशपुर में कुष्ठ रोगियों की बड़ी बस्तियां हैं। वहीं जांजगीर-चांपा में कुष्ठ रोगियों के लिए एक आश्रम भी है। अधिकांश कुष्ठ रोगी भीख मांगने को मजबूर हैं।फिर पैर फैला रहा कुष्ठ रोग चिंता की बात ये है कि कुष्ठ अब फिर से बढ़ रहा है। बीमारी की शुरुआत होने पर लोग इसे छुपा लेते हैं। बैक्टीरिया के कारण यह रोग फैलता है। रोग के ज्यादा फैलने से रोगी की अंगुलियों को नुकसान पहुंचता है, जिससे वे आधार या अन्य के लिए अंगुलियों का निशान नहीं दे सकते हैं।डॉ. मनोतोष एलकाना, कुष्ठ रोग विशेषज्ञ, टीएलएम अस्पताल, बिलासपुर  यह चिंता की बात है बीते पांच साल बाद एक बार फिर जिले में कुष्ठ रोगियों की संख्या बढ़ रही है। यह चिंता की बात है। नियमों के कारण कुष्ठ रोगियों का आधार कार्ड नहीं बनता है। डॉ.गायत्री बांधी, जिला प्रभारी, कुष्ठ रोग नियंत्रण, बिलासपुर दुनिया के कुल कुष्ठ रोगियों में से 60 फीसद भारत में 1,27,326 : 2015-16 में रिकॉर्ड किए गए कुष्ठ रोग के नए मामले


1.22 फीसद : 2014-15 के मुकाबले 2015-16 में नए मामलों में हुई वृद्धि60 फीसद : कुल वैश्विक कुष्ठ रोग के नए मामलों में देश की हिस्सेदारी2005 में देश को कुष्ठ रोग से मुक्त घोषित किया गया-अब राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत चल रहा कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम-आंखों, हाथों व पैरों को प्रभावित करने वाले ग्रेड-2 विकलांगता वाले नए मामले जिनमें तेजी से बढ़े हैं।-2005-06 में ग्र्रेड-2 के 3,015 मामले रिपोर्ट किए गए थे, जबकि 2015-16 में 5,851 मामले देखे गए।Report by बिलासपुर, राधाकिशन शर्मापानी की बोतल पर MRP से ज्यादा महत्वपूर्ण है उसका कोड, पीने से पहले ऐसे चेक कर लें

Posted By: Shweta Mishra