दौर-ए-ऑनलाइन में इस लाइब्रेरी में लग रही लाइन
- डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी में पढ़ने वालों की लगी रहती है लाइन, एक हजार के ऊपर हैं मेंबर
- 40 हजार से ज्यादा किताबों के अलावा बहुत कुछ है खास VARANASIएक जमाना था जब लाइब्रेरी पढ़ने वालों के लिए खजाना होती थी। घंटों लोग लाइब्रेरी में बैठकर किताबों में खोये रहते थे। फिर इंटरनेट ने दुनिया में दखल दिया। देखते ही देखते ये दौर इंटरनेट का हो गया। स्मार्ट फोन ने तो दुनिया को लोगों की मुठ्ठी में कर दिया। अब तो हर जानकारी के लिए लोग गूगल में गोते लगा रहे हैं। नतीजा ये हुआ कि लाइब्रेरी सूनी हों गयीं। किताबें धूल फंकने लगीं। बनारस में कई लाइब्रेरी बंद हो गयीं। पर इसी इंटरनेट की आंधी में सिटी की एक लाइब्रेरी भी है जो पढ़ने वालों से हाउसफुल रहती है। यहां बुक रीडिंग के लिए लोगों को वेट भी करना पड़ता है। आप भी जानिये अपने शहर की इस खास लाइब्रेरी के बारे में एक स्पेशल रिपोर्ट।
एक हजार के ऊपर हैं मेंबरहम बात कर रहे हैं अर्दली बाजार स्थित राजकीय पुस्तकालय की। जो कई मायनों में विशेष है। तभी तो यूपी की नंबर-1 लाइब्रेरी है। यहां साहित्य, कहानी, नोबेल, प्रतियोगी परीक्षा के अलावा इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, एकाउंट की हजारों किताबें हैं। जिनकी कीमत सौ रुपये से लेकर 80 हजार तक है। बच्चों की रीडिंग के लिए कॉमिक्स के अलावा रोचक कहानियों की किताबें भी लाइब्रेरी में है। इन किताबों को पढ़ने के लिए यहां 1120 मेंबर आते हैं। इनमें स्टूडेंट्स, सीनियर सिटीजन और बच्चे भी हैं। मॉर्निग में आठ से शाम आठ बजे तक चलने वाली ये लाइब्रेरी हमेशा पढ़ने वालों से भरी रहती है। करीब छह सौ रूपये में लाइफटाइम मेंबरशिप होने के बावजूद रोजाना यहां लोग मेंबर बनने को आते हैं।
मॉडल लाइब्रेरी बनाने की तैयारी डीएम की पहल पर राजकीय पुस्तकालय को मॉडल बनाने की तैयारी शुरू हो गयी है। पुस्तकालय अध्यक्ष के अनुसार लाइब्रेरी में लगभग सभी किताबें हैं। 100 से अधिक लॉकर बनवाया गया है, जिसमें रेगुलर रीडर अपने नोट्स या बुक रख सकते हैं। बहुत जल्द ही सभी किताबों का अरेंजमेंट ऑनलाइन करने का भी प्लान है। जिससे किताबों को खोजना नहीं पड़ेगा। इसके अलावा ऑन डिमांड किताबें बाहर से मंगाकर उपलब्ध कराई जाएंगी। कम जगह और बढ़ते मेंबर को देखते हुए एक और हॉल का निर्माण हो रहा है, जो बहुत जल्द तैयार हो जाएगा। पढ़े बनारस बढ़े बनारस अभियानबच्चों में पढ़ने की आदत डालने के मकसद से डीएम कौशल राज शर्मा ने दस दिन पहले 'पढ़े बनारस, बढ़े बनारस' अभियान शुरू किया था। राजकीय पुस्तकालय में बच्चों के साथ बैठकर उन्होंने किताब भी पढ़ी। डीएम के लाइब्रेरी में बैठकर किताब पढ़ने से काफी लोग प्रभावित भी हुए।
एक नजर -110 सीटें हैं लाइब्रेरी में -1120 कुल मेंबर हैं राजकीय लाइब्रेरी के -350 गर्ल्स भी हैं मेंबर -150 बच्चे भी सदस्य हैं लाइब्रेरी के -200 सीनियर सिटीजन भी आते हैं हर दिन - 40 हजार किताबें हैं यहां - 7 दिन सप्ताह में खुली रहती है लाइब्रेरी - 100 लॉकर भी है लाइब्रेरी में -बच्चों के लिए बना है स्पेशल बाल कक्ष -लाइब्रेरी का मेन हॉल पूरी तहर से है एसी -महिलाओं की सुरक्षा का विशेष इंतजाम वर्जन डीएम की पहल पर राजकीय लाइब्रेरी को मॉडल बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रदेश की यह पहली लाइब्रेरी है, जो किसी दिन बंद नहीं होती। सुबह 8 से रात 8 बजे तक खुला रहता है। भविष्य में ऑन डिमांड किताबें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। सदस्यों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक और हॉल बनाया जा रहा है। -केएस परिहार, पुस्तकालयाध्यक्ष