- सांड़ के हमले में कूड़ाघाट के तुषार गुप्ता की मौत

- पैडलेगंज में सीने में घुसा दी सींग, जिला अस्पताल ले जाते समय मौत

- कूड़ाघाट में किराना की दुकान थी तुषार

सांड़ के हमले में कूड़ाघाट के तुषार गुप्ता की मौत

- पैडलेगंज में सीने में घुसा दी सींग, जिला अस्पताल ले जाते समय मौत

- कूड़ाघाट में किराना की दुकान थी तुषार

GORAKHPUR:

GORAKHPUR:

कैंट थाना क्षेत्र के पैडलेगंज के पास सड़क पर घूमते सांड़रूपी 'यमदूत' ने एक व्यापारी को अपना शिकार बना लिया। सांड़ के हमले में गुरुवार की रात कूड़ाघाट के किराना व्यापारी की मौत हो गई। तुषार गुप्ता (ख्फ्) पुत्र राजेश गुप्ता गुरुवार को रात क्0 बजे दुकान बंद करने के बाद बेतियाहाता हनुमान मंदिर में साई भगवान की पूजा करने जा रहे थे। अभी वह पैडलेगंज से कुछ आगे गिरजाघर के पास ही पहुंचे थे कि बगल से आकर एक सांड उनको टक्कर मार दी। सांड़ की सींग तुषार के सीने में घुस गई। रात अधिक होने के रोड पर बहुत कम लोग थे। राहगीर रुके और आनन-फानन में तुषार को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां डाक्टर्स ने उसको मृत घोषित कर दिया।

दो भाईयों में सबसे छोटा

तुषार अपने दो भाईयों में सबसे छोटा था। उसके बड़े भाई बेंगलुरु में एक फैशन डिजाइन फर्म में काम करता है। कूड़ाघाट बाजार के लोगों का कहना है कि वो बहुत ही मिलनसार था। उसकी कभी किसी से भी तू-तू-मैं-मैं नहीं हुई थी।

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सड़क पर जानवर ले रहे जान, नहीं है कोई इंतजाम

एक तरफ सड़क पर छुट्टा जानवर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार इसके लिए कोई इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं। बोर्ड की मीटिंग जब भी होती है पार्षदों द्वारा बोर्ड की मीटिंग को लेकर हंगामा होता है। डेढ़ साल पहले बोर्ड की मीटिंग में आवारा जानवरों को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। इस बोर्ड की मीटिंग होने के कुछ दिन पहले शहर में सांड़ के हमले से दो लोगों की मौत हो गई थी व एक व्यापारी घायल हो गया था। उसके बाद हुई बोर्ड की मीटिंग में वार्ड नं म्8 के पार्षद व पूर्व उप सभापति जियाउल इस्लाम ने मौत और घायलों के जिम्मेदारों के बारे में जानकारी मांगी थी। इसके बाद बोर्ड की मीटिंग में जमकर हंगामा हुआ। बाद में नगर निगम बैकफुट पर आया और जानवर पकड़ने का आश्वासन दिया।

घटना होने के बाद होती है खानापूरी

शहर में जब आवारा जानवर किसी तरह की घटना होती है, उसके बाद नगर निगम के अधिकारी जिले में आवारा जानवर पकड़ कर रखने के लिए जमीन की तलाश में निकलते हैं। पिछले साल यही हुआ था। ख्0क्भ् जनवरी और फरवरी माह में एक दर्जन से अधिक लोगों को आवारा जानवरों ने घायल किए। इसके बाद नगर निगम के अधिकारियों ने जिले में पांच जगहों पर जमीन देखा, लेकिन उनको जमीन न मिलने के कारण यह योजना हवा-हवाई साबित हो गई।

इनको आवारा जानवरों ने बनाया निशाना

- सितंबर ख्0क्ब् में बेतियाहाता के एक व्यक्ति को सांड के मारने से पैर टूटा।

- अक्टूबर ख्0क्फ् में गांधी गली में राम बाबू नामक एक नौकर को सांड़ ने किया अधमरा।

- क्9 जनवरी ख्0क्भ् में बसंतपुर निवासी बाबूलाल की सांड़ के हमले से मौत।

- ख्म् जनवरी ख्0क्भ् को घंटाघर में ओंकार और मंटू को एक सांड़ ने किया घायल।

- ख्8 जनवरी को दीवान बाजार निवासी सुशील श्रीवास्तव की सांड़ के हमले से मौत।

- ख् फरवरी को रेलवे स्टेशन पर सांड़ ने एक व्यक्ति को गंभीर रूप से किया घायल।

- क्क् फरवरी को निजामपुर के डॉ। मिर्जा बेग के घर की छत पर चढ़ी गाय।

- मार्च में शिवपुर सहबाजंग के राजेश सिंह को सांड ने किया घायल।

- जून माह में हूमायुपुर में एक सफाई कर्मचारी को सांड ने किया घायल।

- मई में अली नगर बाजार में आधा दर्जन बाइक को दो सांड ने लड़ाई करके तोड़ दिया।

- जून में ही दो सांड की लड़ाई में गोलघर मे एक दुकान की भ्0 हजार रुपए की शीशे की दीवार तोड़ दी।

नगर निगम के गणना में शहर में आवास जानवर

नगर निगम वास्तविक संख्या

आवारा जानवर - क्8ख्9 8000

गधे फ्म् ख्00 से अधिक

डेयरी ख्77 फ्00

पालतू जानवर क्7म्8 ब्000

हम लोग हमेशा नगर निगम के अधिकारियों को आवारा जानवर पकड़ने के लिए पत्र लिखते हैं और कहते हैं, लेकिन नगर निगम के अधिकारी सुनते ही नहीं है। इस मौत पर हम लोग नगर निगम पर एफआईआर दर्ज कराने जा रहे हैं।

रणंजय सिंह जुगुनु, पार्षद

Posted By: Inextlive