-सभी बीडीओ को वैकल्पिक व्यवस्था का निर्देश

-विभिन्न मांगों को लेकर 10 मार्च से हड़ताल पर हैं मनरेगाकर्मी

रांची : मनरेगाकर्मियों की दस मार्च से चल रही हड़ताल की वजह से पूरे राज्य में लगभग ढाई हजार योजनाएं प्रभावित हो गई हैं। मजदूरों के एमआइएस की इंट्री, मजदूरी भुगतान, चयनित योजनाओं की मापी आदि लगभग ठप है। स्थायीकरण, पंचायत सचिव की बहाली में समायोजन, ग्रामीण विकास विभाग की अन्य नियुक्तियों में आरक्षण, मानदेय में वृद्धि आदि मांगों को लेकर मनरेगाकर्मियों ने आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है। संबंधित मांगों पर सरकार से लिखित समझौते की मांग पर अड़े हैं। मनरेगाकर्मियों ने 23 मार्च को राज्य मुख्यालय तथा 24 मार्च को जिला मुख्यालय पर उपवास की घोषणा कर रखी है। 25 मार्च को राज्य स्तर तथा 26 मार्च को जिला स्तर पर नुक्कड़ सभाओं का वे आयोजन करेंगे। इसके बाद नये सिरे से आंदोलन की रणनीति तय होगी। मनरेगाकर्मियों की हड़ताल को देखते हुए ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिला प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था का निर्देश दिया है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में मनरेगा की गतिविधियों को संचालित करने के लिए प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारियों (प्रखंड में एक), ग्राम रोजगार सेवकों (हर पंचायत में एक-एक), सहायक और कनीय अभियंता (प्रखंडों में क्रमश: एक और दो), लेखा सहायक (प्रखंड में एक) एवं कंप्यूटर सहायकों (प्रखंड में एक) के लगभग छह हजार मानदेय आधारित पद सृजित हैं।

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गिरिडीह में बीडीओ को शो-कॉज

वित्तीय वर्ष की समाप्ति और मनरेगा से संबंधित विकास योजनाओं पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए जिलों ने वैकल्पिक व्यवस्था की कार्रवाई शुरू कर दी है। रांची के उपायुक्त ने प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी का दायित्व प्रखंड स्तरीय पर्यवेक्षक और वरीय पंचायत सेवकों को सौंपने का निर्देश दिया है। उन्होंने रोजगार सेवकों का काम अस्थायी तौर पर पंचायत सेवकों और कंप्यूटर आपरेटरों की जरूरत पूरा करने के लिए आउटसोर्सिग का सहारा लेने को कहा है। पूर्वी सिंहभूम के डीडीसी ने हड़ताल की वजह से काम पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव के लिए ग्राम रोजगारों से स्पष्टीकरण मांगा है, जबकि गिरिडीह के डीडीसी ने मनरेगा योजनाओं की धीमी प्रगति के लिए बगोदर के बीडीओ को शो-कॉज नोटिस जारी किया है।

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Posted By: Inextlive