mentially fit तो हर Entrance hit

- एक्सप‌र्ट्स का मानना जल्दबाजी पड़ सकती है भारी

- जरा सा मैनेजमेंट बन सकता है सक्सेस का मंत्रा

DEHRADUN: जेईई, नीट, क्लैट, मैट, कैट और नेट एंट्रेंस चाहे किसी भी विषय के लिए हों, दिमाग का शांत होना बेहद जरूरी है। ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेस्चंस में आंसर्स फिल करने में जरा भी जल्दबाजी भारी पड़ सकती है। यह हम नही कह रहे। यह कहना है मेडिकल और इंजीनियरिंग फील्ड के मास्टर्स का। इन एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि एंट्रेंस की तैयारी ही सब कुछ नही पॉजिटिव थिंकिंग और काल्म माइंड एग्जाम में बेहद जरूरी है।

मई ख्0क्7 में एमबीबीएस और बीडीएस की सीट्स के लिए होने वाले नेशनल एजिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन स्टार्ट हो चुका है। एग्जाम की डेट फाइनल होने के साथ ही बोर्ड और ऐंट्रेंस एग्जाम्स की तैयारी एक साथ करने के कारण स्टूडेंट्स के माइंड पर प्रेशर लाजमी है। लेकिन यह प्रेशर आपको नुकसान पहुंचा सकता है। एक्स्प‌र्ट्स का कहना है कि एग्जाम कोई भी हो दिमाग का शांत रहना बेहद जरूरी है। कोर्स रिलेटेड तैयारी तो सभी कर रहे हैं, लेकिन माइंड को स्टेबल रखना भी जरूरी है। माइंड को एक ही दिन में स्टेबल करना मुमकिन नहीं है इसके लिए टाइम और प्रैक्टिस दोनों की जरूरत पड़ती है।

क्या कहते हैं एक्सप‌र्ट्स

नीट के लिए स्टूडेंट्स को पहले से मांइड को शांत रखना होगा। एग्जाम के वक्त मेंटली सबसे ज्यादा प्राब्लम देर तक बैठे रहने से आती है। इसके लिए जरूरी है अभी से स्ट्डीज की सिटिंग लंबी करें। आमतौर पर बच्चे का दिमाग ज्यादा देर तक एक ही चीज नहीं कर पाता ऐसे दिमाग की एक्सेप्टेंस पावर इंक्रीज करने के लिए लंबी सिटिंग कर प्रैक्टिस हेल्प करेगी। ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चंस में जरा सा कंफ्यूजन प्रॉब्लम पैदा कर सकता है। रटने से ज्यादा कॉन्सेप्ट्स पर स्ट्डीज करें। कॉन्सेप्ट की डेप्थ में जाकर फंडामेंटल क्लियर रखे।

---- विपिन बलूनी, मैनेजिंग डायरेक्टर, बलूनी क्लासेज

एंट्रेंस एग्जाम चाहे वो नीट, जेईई, क्लैट, कैट या मैट किसी भी एग्जाम में मेंटली फिट तभी रहा जा सकता है जब टारगेट पहले से सेट हो। इसके लिए डेली लाइफ रूटीन, डिसिप्लिन और टारगेट्स को अचीव थिंक को लाइफ में एप्लाई करना होगा। अगर इन सबको अपनी लाइफ में शामिल कर लिया जाए तो ऑटोमेटिकली आप मेंटली फिट रहेंगे। गोल सैट होना सबसे ज्यादा जरूरी है।

---- अमित मित्तल, डायरेक्टर, करियर लॉन्चर्स

किसी भी इंसान का दिमाग पैंतालीस मिनट के बाद काम करना बंद कर देता है। ऐसे में स्टूडेंट को अपने माइंड को स्ट्रेस दिए बिना क्वेश्चंस अटेम्ट करने होंगे। देश में 87 परसेंट लोग एंट्रेंस एग्जाम बिना किसी तैयारी के ही देते है। बिना इंट्रेस्ट के एग्जाम देने से रिजल्ट बेहतर कैसे होगा। जरूरी है कि बच्चे इसके अलावा अपना स्कूल, घर और फ्रेंड्स को भी इसमें हेल्प करनी होगी। पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चे के गोल और इंट्रेस्ट को समझे। क्योंकि अगर पैरेंट्स बच्चे के इंट्रेस्ट को समझ जाते है तो माइंड से आधा स्ट्रेस तो वही कम हो जाता है। बाकी अपने टारगेट को लेकर बच्चे की तैयारियों पर निर्भर करता है। माइंड को स्ट्रेस फ्री रखकर और बिना जल्द बाजी किए अगर क्वेश्चंस किए जाए तो रिजल्ट बेहतर आना लाजमी है।

---- डॉ। मुकुल शर्मा, सीनियर क्लिनिकल साइक्लॉजिस्ट

Posted By: Inextlive