-चीन से आए मूक-बधिर ग्रुप के बिछड़े हुए साथी को टूरिज्म पुलिस ने मिलवाया।

आगरा। ताजमहल पर बुधवार को टूरिज्म पुलिस ने चीन से आए मूक-बधिर ग्रुप के मिस हुए टूरिस्ट को मिलवाया। ये पॉसिबल हो सका टूरिज्म पुलिस को साइन लैंग्वेज आने की वजह से। यदि उन्हें साइन लैंग्वेज न आती तो शायद मूक-बधिर टूरिस्ट के ग्रुप की हेल्प न हो पाती।

रोने लगीं पर्यटक

दरअसल हुआ यूं कि मंगलवार सुबह आठ बजे ताजमहल के पूर्वी गेट पर फॉरेन टूरिस्ट के ग्रुप की कुछ महिलाएं अचानक रोने लगीं। टूरिज्म पुलिस के जवानों ने उन्हें देखकर उनसे समस्या पूछी तो पता चला कि वे सभी मूक-बधिर हैं। चूंकि टूरिज्म पुलिस के इन जवानों को साइन लैंग्वेज आती थी, इसलिए उन्होंने साइन लैंग्वेज में उनकी समस्या सुनी। पता चला कि उनका एक साथी मिस हो गया है। पुलिस ने उन्हें ढ़ांढस बंधाते हुए कहा कि वे उनके मिस हुए साथी को ढूढ़ लेंगे। तब जाकर उन महिलाओं को कुछ राहत मिली। पुलिस ने उस मिस हुए टूरिस्ट को ढूढ़ने के लिए जद्दोजहद शुरू कर दी और ढूढ़ निकाला। जब टूरिज्म पुलिस ने उस टूरिस्ट को उसके ग्रुप से मिलाया तो उन सबकी खुशी का ठिकाना न रहा। इसके बाद मूक-बधिर टूरिस्ट के ग्रुप में साइन लैंग्वेज में टूरिज्म पुलिस को थैंक यू कहा।

एक साल पहले सीखी थी साइन लैंग्वेज

एक साल पहले टूरिज्म पुलिस को आधुनिक करने के अभियान के तहत टूरिज्म पुलिस के जवानों के एक दल को डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में ट्रेनिंग हुई। इसमें उन्हें साइन लैंग्वेज भई सिखाई गई। ताकि मूक-बधिर टूरिस्ट्स की हेल्प हो सके। उस दल के कुछ जवानों का ट्रांसफर हो गया है। बता दें कि हाल ही में यूनिवर्सिटी के केएमआई इंस्टीट्यूट में टूरिज्म पुलिस का एक दल को विदेशी भाषा भी सीखाने का प्रस्ताव हो रहा है।

सुबह आठ बजे चीनी पर्यटकों का पांच सदस्यीय दल ताजमहल को निहारने आया था। उनमें से एक साथी मिस हो गया। ग्रुप की महिलाएं रोने लगीं। टूरिज्म पुलिस के जवानों ने उनसे प्रॉब्लम पूछी तो पता चला वे मूक-बधिर हैं। चूंकि जवानों को साइन लैंग्वेज आती थी। इसलिए उनकी प्रॉब्लम को सुना जा सका। मिस हुए साथी को जल्द ही ढूढ़ लिया गया और उनसे मिलावा दिया गया।

-दिनेश कुमार, थाना प्रभारी, पर्यटन थाना

Posted By: Inextlive