RANCHI: राम रहीम की फिल्म एमएसजी 2 में आदिवासियों पर की गई अभद्र टिप्पणी के खिलाफ आदिवासी संघों के चौतरफा विरोध के बाद झारखंड में इस फिल्म पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए आदिवासी समाज के लोगों ने सीएम रघुवर दास के फैसले का स्वागत किया है।

एससी-एसटी एक्ट का दर्ज हो केस

इससे पहले फिल्म के डायलॉग का विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि फिल्म के निर्माता और सेंसर बोर्ड दोनों ने मिलकर हमारी सभ्यता का मजाक उड़ाया है। उन्हें कोई हक नहीं है कि वे हमारी संस्कृति और रहन-सहन का मजाक उड़ाएं। आदिवासी छात्र संघ ने विरोध करते हुए कहा कि हम तो बिना कपड़ों के रहते हैं फिर भी लोगों की इज्जत करना जानते हैं। पर ये लोग तो किसी की भी इज्जत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। संघ ने सरकार से अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत फिल्म डायरेक्टर और सेंसर बोर्ड पर मामला दर्ज करने की मांग की है।

डायरेक्टर का पुतला फूंका

आदिवासी संघ के लोगों ने शनिवार को एमएसजी 2 के विरोध में अल्बर्ट एक्का चौक पर फिल्म के डायरेक्टर का पुतला दहन किया। इस मौके पर काफी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस तरह की फिल्में बनाने की इजाजत ही नहीं दी जाना चाहिए, जिससे किसी जाति विशेष को लेकर समाज में गलत मैसेज जा रहा हो।

क्या कहते हैं लोग

अगर किसी फिल्म में आदिवासी समाज का मजाक उड़ाया जाता है, तो हम उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं फिल्म में जिस तरह से अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया है उसके लिए डायरेक्टर को माफी मांगनी चाहिए।

-जलेश्वर भगत, संयोजक, आदिवासी छात्र संघ

इस फिल्म में जिस तरह से आदिवासियों को हैवान बताया गया है। उससे हमारे समाज को सदमा लगा है। ऐसे लोगों पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। फिलहाल झारखंड सरकार ने राज्य में इसके प्रसारण पर रोक लगाकर हमारी सभ्यता का सम्मान किया है।

-सुभाष भगत

फिल्म में आदिवासियों के लिए अभद्र टिप्पणी की गई है। जो किसी भी तरीके से सही नहीं है। ऐसी टिप्पणी से हमारी सभ्यता को लेकर लोगों के सामने गलत मैसेज जाता है।

-बसंत उरांव

Posted By: Inextlive