- एक्स एमपी सैयद अजीज पाशा ने ऑल इंडिया तंजीम ए इंसाफ के तीन दिवसीय सम्मेलन का किया इनॉगरेशन

PATNA : ऑल इंडिया तंजीम-ए-इंसाफ ने देश की एकता, अखंडता और धर्मनिरपेक्षता पर चोट करने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया है। इंसाफ की ओर से रविवार को अवर अभियंता भवन में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें केंद्र सरकार पर मुसलमानों के हितों और उनके संवैधानिक एवं कानूनी अधिकारों के साथ नाइंसाफी करने का आरोप लगाया गया। सम्मेलन में देशभर से करीब ब् सौ से अधिक प्रतिनिधि शामिल हैं।

देश में ख्0 परसेंट मुसलमान

एक्स एमपी सैयद अजीज पाशा ने कहा कि मोदी सरकार मुस्लिमों के हित में काम नहीं कर रही है। देश की कुल आबादी का ख्0 परसेंट मुसलमान हैं, लेकिन सरकार कुल बजट का भ् परसेंट भी मुसलमानों के कल्याण पर खर्च नहीं कर रही है। अल्पसंख्यकों को उनके संवैधानिक और कानूनी हकों से वंचित किया जा रहा है। पाशा ने मुस्लिम हितों की अनदेखी को लेकर पहले की सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया है। कहा है कि वर्ष ख्00म् में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आई लेकिन क्या हुआ? आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े मुसलमानों के कल्याण के लिए सरकार ने क्या कदम उठाया? वर्तमान मोदी सरकार मुसलमानों को साथ लेकर चलने की बात करती है, लेकिन हकीकत क्या है, यह पूरा देश जानता है।

कथनी और करनी में अंतर : प्रो.मालाकार

जेएनयू के प्रोफेसर और चिंतक एसएन मालाकार ने केंद्र सरकार की शैक्षणिक और आर्थिक नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कहती है कि सबका साथ, सबका विकास। इस कथनी और करनी में बहुत अंतर है। मोदी सरकार की नीति है कि सबका साथ, कॉरपोरेट घरानों का विकास। उन्होंने कहा कि आज देश के लोकतांत्रिक और संवैधानिक ढांचे पर चोट किया जा रहा है। यह देश की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक है।

जागरूक हों अल्पसंख्यक : शमीम फैजी

पत्रकार शमीम फैजी ने कहा कि आज अल्पसंख्यकों की बात करने पर शक की निगाह से देखा जाता है। एंटी नेशनल करार दिया जाता है। यह काम सरकार का है कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों और उनके हितों की बात करे। मुसलमानों को खुद जागरूक होना होगा। संवैधानिक अधिकारों को पाने के लिए एकजुटता से संघर्ष करना होगा। इंसाफ के प्रदेश महासचिव इरफान अहमद ने केंद्र सरकार की नोटबंदी के फैसले को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार और कालेधन पर चोट की बात कर रही है पर यह सब फिजूल की बातें हैं। डॉ.एए खान ने कहा कि अल्पसंख्यकों को खुद अपने सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर पर सुधार के लिए आगे आना होगा। प्रो.जब्बार आलम, गजनफर नवाब, सत्यनारायण सिंह और रामनरेश पांडेय समेत अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया।

Posted By: Inextlive