लिकर किंग विजय माल्‍या पर इन चारो तरफ से मुश्किलों से घिरे हुए हैं। उधर किंगफिशर एयरलाइन्स के ब्रांड और ट्रेडमाको की नीलामी आज फिर से खाली गयी। कंपनी के ब्रांड ट्रेडमार्क के लिए एक भी खरीदार नहीं आया। कंपनी को कर्ज देने वाले बैंकों ने अपने बकाये की वसूली के लिए कंपनी की संपत्तियों की बोली लगवाई थी। बैंक के अधिकारियों की माने तो नीलामी की बोली ज्‍यादा है जिसके चलते एक भी खरीददार नहीं आया।


366.70 करोड रुपये से शुरु की गई नीलामी की बोलीकिंगफिशर एयरलाइन्स के ब्रांड और ट्रेडमाको की नीलामी की बोली 366.70 करोड रुपये से शुरू होनी थी। विजय माल्या से कर्ज की वसूली के मामले में एसबीआई के नेतृत्व में 17 बैंकों के समूह को दूसरी बार इस तरह की विफलता हाथ लगी है। इससे पहले इस बंद हो चुकी एयरलाइन्स के मुख्यालय किंगफिशर हाउस की नीलामी में भी कोई बोली नहीं मिली थी। टूरिस्ट वीजा पर लंदन भागे थे माल्या


माल्या ने ऋणदाताओं और जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बीच दो मार्च को टूरिस्ट वीजा पर भारत से बाहर भाग गए थे। इस समय वह लंदन में हैं। इस बीच उनके खिलाफ मनी लांडरिंग निवारक कानून के तहत जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी पर उनके नाम गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है। माल्या का पासपोर्ट भी विदेश मंत्रालय द्वारा रद्द किया जा चुका है। विदेश मंत्रायल के एक प्रवक्ता ने बताया कि माल्य को भारत भेजने के लिए ब्रिटेन की सरकार को पत्र लिखा जा चुका है। किंगफिशर के ब्रांड और ट्रेडमार्क की होनी थी नीलामी

आज की नीलामी में किंगफिशर का लोगो एयरलाइंस का कभी चर्चित रही स्वागत पंक्ति फ्लाई दी गुड टाइम्स की बोली लगाई गई थी। इसके साथ ही इसके फ्लाई मॉडेल्स, फनलाइनर, फ्लाई किंगफिशर, और फलाइंग बर्ड डेवाइस जैसे दूसरे ट्रेडमार्क भी रखे गये थे। नीलामी मे रखे गए ब्रांड और ट्रेडमार्क का आरक्षित मूल्य 366.70 करोड रुपये था। आरक्षित मूल्य उस मूल्य का दसवां हिस्सा भी नहीं है जिस पर विजय माल्या को ऋण देकर बैंकों को गिरवी रखी गई थी। सूत्रों की माने तो यह आरक्षित मूल्य भी किसी भी बोली लगाने वाले की दृष्टि से काफी ऊंचा था। नीलामी की रकम अधिक होने से नहीं मिला खरीददारबैंकिंग सूत्रों ने कहा आरक्षित मूल्य को संभवत: बहुत ऊंचा समझा गया। इसी लिए कोई बोली नहीं लगी। नीलामी सुबह 11.30 बजे शुरू हुई और एक घंटे तक खुली रखी गयी पर इसमें कोई कामयाबी नहीं मिली। नीलामी एसीबीआई कैप ट्रस्टी कंपनी ने आयोजित की थी। यह कार्रवाई सर्फेसी अधिनियम वित्तीय सम्पत्तियों का प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम के तहत की गयी। किंगफिशर एयरलाइन जब अपने पूरे गौरव पर थी तो ग्राट थॉर्टन ने इसके ब्रांड की कीमत ही 4000 करोड रुपये आंकी थी।मुझे गिरफ्तार करने से नहीं मिलेगा एक भी पैसा

माल्या ने फिनांशल टाइम्स से बातचीत में कहा है कि उन्हें जबरन निर्वासन में पहुंचाया गया है पर उन्होंने यह भी कहा कि तत्काल भारत लौटने की उनकी कोई योजना नहीं है। उन्होंने अखबार से कहा कि वह एयरलाइन्स के कर्ज को ऋणदाता बैंकों के तार्किक ढंग से निपटाने को तैयार हैं पर उनका पासपोर्ट रद्द करने या उन्हें गिरफ्तार करने से उन्हें एक भी पैसा हासिल नहीं हो रहा है।इस ब्रांड को खरीदने से अच्छा है नई एयरलाइंस शुरु करनाकिंगफिशर की वार्षिक रपट 2012-13 में कहा गया था कि यह भारत की सबसे बडी एयरलाइन है। स्काईट्रैक्स ने इसे 5स्टार रेटिंग दी थी। एक बैंक अधिकारी ने कहा कि इस ब्रांड को खरीद कर इसका उद्धार करने की बजाया नयी एयरलाइन्स शुरू करना अच्छा होगा। इससे पहले मुंबई में घरेलू हवाई अड्डे के निकट संभ्रांत विले पार्ले स्थिकिंगफिशर हाउस की नीलामी में उसका आरक्षित मूल्य 150 करोड रुपये रखा गया था। यह इमारत 17,000 वर्ग फुट की है। इन दोनों संपत्तियों को नीलाम करने के लिए हो सकता है इनका आरक्षित मूल्य कम करने का प्रयास किया जाए। बैंकों का किंगफिशर एयरलाइन्स पर ब्याज सहित करीब 9,000 करोड रुपये से अधिक का बकाया है।

Posted By: Prabha Punj Mishra