जीवनी मंडी की घटना, लाश को पत्नी के साथ मिलकर बोरे में रख जंगल में फेंका

12 दिसंबर से लापता था युवक, पुलिस ने पर्दाफाश कर चचेरे भाई को किया गिरफ्तार

आगरा। पत्नी से संबंधों के शक में पति ने अपने चचेरे भाई को बांक से काट डाला। उसकी लाश को बोरे में भरकर झरना नाला के जंगल में फेंक दिया। गुमशुदगी दर्ज होने पर पुलिस ने छानबीन के बाद पर्दाफाश करते हुए हत्यारोपित को गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर लाश को बरामद कर लिया।

डौकी के नगला तकी निवासी 25 वर्षीय अजय छत्ता क्षेत्र से 12 दिसंबर से लापता था। पिता ने 14 दिसंबर को छत्ता थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने अजय के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो उसमें चचेरे भाई विजयपाल की पत्नी प्रेमलता के कई फोन थे। अजय के पिता ने भी पुत्र के गायब होने के पीछे भतीजे विजयपाल पर शक जताया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। विजय ने अजय की हत्या करना कबूल कर लिया।

विजयपाल ने बताया कि वह छत्ता क्षेत्र में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में पल्लेदारी करता है। अपनी पत्नी प्रेमलता और बेटे के साथ डाकखाने वाली गली जीवनी मंडी में रहता है। उसका चचेरा भाई अजय भी पल्लेदारी करता था। उसके घर आता-जाता रहता था। देवर होने के नाते प्रेमलता से अक्सर मजाक करता रहता था। दोनों के बीच अच्छे संबंध थे। इससे उसे अजय और पत्नी पर शक हो गया। इसे लेकर पत्नी से कई बार उसका झगड़ा भी हुआ।

पत्नी ने उसे बताया कि वह अजय को कई बार बात करने से मना कर चुकी है मगर वह नहीं मानता। इस पर विजय ने चचेरे भाई को रास्ते से हटाने की साजिश रची। पत्नी द्वारा फोन कराके 12 दिसंबर की रात को उसे घर बुलाया। उसे बहाने से अपने यहां रोक लिया। इसके बाद बांक से ताबड़तोड़ प्रहार करके हत्या कर दी। लाश को पत्नी की मदद से साड़ी में बांधने के बाद बोरे में भरकर झरना नाला के जंगल में फेंक आया। उसका मोबाइल यमुना में फेंक दिया।

सीओ छत्ता उदयराज सिंह ने बताया कि हत्यारोपित की निशानदेही पर शव को बरामद कर लिया है। हत्या की साजिश में शामिल प्रेमलता की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

बांक मारने के बाद दबाया गला

विजयपाल ने पुलिस को बताया कि बांक से ताबड़तोड़ प्रहार करने के बाद भी अजय के बचने की आशंका थी। इसलिए उसका गला दबाया इससे कि उसके जीवित बचने की कोई उम्मीद नहीं रहे।

रात में ही धो दिए खून के निशान

दंपती ने कमरे के फर्श पर खून के निशान को रात में धो दिया। विजय ने बताया हत्या के बाद प्रेमलता ने अजय की लाश को अपनी साड़ी में लपेटा। इसके बाद उसे बोरे में रखने में मदद की। वह बाइक पर बोरे को पकड़कर बैठी रही। उसे फेंकने के बाद घर लौटकर रात में ही कमरा धो दिया। अगले दिन उसने पत्नी को यहां से भेज दिया। इससे कि पड़ोस के लाग कमरे पर नहीं आएं।

Posted By: Inextlive