-रिटेल मार्केट में प्याज का रेट पहुंचा 80 रुपये किलो, बढ़े रेट के कारण किचन से गायब हुआ प्याज

-रेस्टोरेंट्स की डिशेज में भी प्याज का यूज हुआ कम, सलाद में परोस रहे सिर्फ खीरा और मूली

VARANASI

प्याज के बढ़ते रेट का असर लोगों के घरों किचन से लेकर जेब पर तो पड़ ही रहा था कि अब प्याज घर के बाहर भी लोगों का जायका बिगाड़ने लगा है। रोड साइड फूड स्टॉल्स से लेकर ढाबों और रेस्टोरेंट्स में मिलने वाले फूड में प्याज न होने से लोगों का मूड ऑफ हो जा रहा है। पनीर दो प्याजा हो या चिकन दो प्याजा इन डिशेज में प्याज की कम क्वांटिटी के कारण इनको अगर पनीर या चिकन वन प्याजा कहा जाये तो गलत नहीं होगा।

बिगड़ गया है जायका

प्याज की कीमतें जब कम थीं तो लोगों को इसका स्वाद बहुत भाता था। रोड साइड लगने वाले चाट-पकौड़ी के ठेलों से लेकर बड़े रेस्टोरेंट्स और ढाबों में भी प्याज की खपत जबरदस्त होती थी लेकिन जब से प्याज ने 70 रुपये प्रति किलो का आंकड़ा पार कर 80 रुपये के रेट को छुआ है तबसे प्याज लोगों के लिए दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। खास तौर पर उन छोटे दुकानदारों के लिए जो छोटी छोटी दुकाने लगाकर प्याज का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में करते थे। प्याज का रेट बढ़ने के कारण प्याज की पकौड़ी तो बिकनी बंद ही हो गई है। यही नहीं भेलपूड़ी, वेज रोल, एग रोल और चाऊमीन में ज्यादा मात्रा में पड़ने वाले प्याज की क्वांटिटी में भी कमी आई है।

वेज से नानवेज, सब पर असर

प्याज के बढ़े रेट का असर सबसे ज्यादा नॉनवेज डिशेज पर पड़ा है। चिकन से लेकर मटन तक और कबाब से लेकर फिश तक सब डिशेज में प्याज का यूज सबसे ज्यादा होता है लेकिन रेट बढ़ने से इन डिशेज में प्याज कम पड़ने लगा है। वहीं छोले कुलचे भी बगैर प्याज के सर्व किए जा रहे हैं। हद तो दाल तड़का और पनीर की सब्जियों के साथ हो रही है। इनमें पड़ने वाले प्याज के चलते कई रेस्टोरेंट्स मेन्यू से ज्यादा रुपये ले रहे हैं। जबकि बाटी चोखा के साथ कच्चे प्याज की जगह अब मूली परोसी जा रही है।

प्याज के सलाद पर एक्स्ट्रा चार्ज

अगर खाने के साथ सलाद हो और उसमें प्याज न हो तो खाने का मजा आधा हो जाता है। यही हाल इस समय है। इन दिनों रेस्टोरेंट और ढाबों में जाने के बाद सलाद के साथ प्याज की डिमांड करने पर एक्स्ट्रा पे करने पड़ रहा है। शहर के कई रेस्टोरेंट्स में सिर्फ प्याज के सलाद के लिए ब्0 रुपये और मिक्स सलाद के साथ प्याज लेने पर ख्0 रुपये एक्स्ट्रा देना पड़ रहा है।

पहले बारिश ने किया बर्बाद और अब

प्याज का दाम पिछले एक महीने में बीस रुपये किलो से बढ़ कर 80 रुपये तक जा पहुंचा है। इस बढ़ी कीमत की हर ओर चर्चा है। प्याज के होलसेलर्स का कहना है कि बेमौसम हुई बरसात के कारण महाराष्ट्र में प्याज की फसलें बर्बाद हो गई थीं। जिसके कारण उसकी आवक पहले से ही कम थी और नई फसल में पैदा हुआ प्याज अभी मार्केट में आया नहीं है बल्कि जमाखोरों के गोदामों में पहुंच गया है। जिसके कारण भाव सातवें आसमान पर जा पहुंचा है।

सस्ता प्याज बेचकर जताया विरोध

आमजन से दूर हो रहे प्याज के लिए शुक्रवार को एक अलग तरह का मार्केट देखने को मिला। व्यापारियों और सामाजिक संस्था ने रेट बढ़ने का विरोध अनोखे तरीके से किया। रोड पर दुकान लगाकर प्याज सस्ते रेट पर बेचा। सामाजिक संस्था सुबह-ए-बनारस की ओर से मैदागिन पर ये अनोखा विरोध हुआ। विरोध कर रहे सपा नेता नासिर जमाल ने कहा कि अगर ये अच्छे दिन हैं तो हमें इसकी जरूरत नहीं। संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल ने कहा कि पीएम केवल विदेश दौरों में मस्त हैं, जबकि जनता महंगाई से त्रस्त है। विरोध स्वरूप लगाए गए सुपर मार्केट में बाजार में 80 रुपये किलो बिक रहे प्याज को ख्0 रुपये व क्भ्0 रुपये किलो बिक रही अरहर की दाल को भ्0 रुपये में बेचा गया।

Posted By: Inextlive