दिल्ली में मंगलवार को विदेश सचिव स्तर की बैठक में पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के सामने कश्मीर का मुद्दा उठाया। दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच लगभग पौने दो घंटे तक चली इस वार्ता में भारत ने मजबूती के साथ आतंकवाद का मुद्दा उठाया।


पाकिस्तान ने रॉ पर लगाया आरोपपाकिस्तानी प्रवक्ता के मुताबिक पाक विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी ने बैठक में जोर देकर कहा कि कश्मीर ही दोनों देशों के बीच प्रमुख मुद्दा रहेगा और इसका समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव और कश्मीरियों की इच्छा के आधार पर होना चाहिए। पाकिस्तान ने इस बैठक में रॉ ऑफिसर कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि रॉ कराची और बलूचिस्तान में गलत गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। पाकिस्तान ने समझौता ब्लास्ट के आरोपी की रिहाई पर भी चिंता जताई।पठानकोट हमले के बाद हुई ये पहली वार्ता है


साउथ ब्लॉक में हुई इस बैठक में भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर उनके पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी और भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित मौजूद रहे। पाकिस्तानी विदेश सचिव ने उम्मीद जताई कि दोनों देश इसी तरह उच्चस्तरीय संपर्क जारी रख आपसी भरोसा बढ़ाएंगे और वार्ता की प्रक्रिया को आगे भी जारी रखेंगे। यह बैठक इसलिए बहुत अहम थी क्योंकि पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों की इस तरह की ये पहली मीटिंग है। वार्ता का फोकस पठानकोट हमले की जांच था

यह बैठक ऐसे समय में हुई जबकि दोनों पक्षों ने हाल ही में घोषणा की कि वे विदेश सचिव स्तर की बैठक को लेकर एक-दूसरे के संपर्क में हैं। जो व्यापक द्विपक्षीय वार्ता की रूपरेखा तय करेंगे। जानकारी के मुताबिक बातचीत में मुख्य फोकस पठानकोट आतंकी हमले की जांच और इस संबंध में एनआईए की टीम के संभावित पाकिस्तान दौरे पर रहेगा। बीते साल दिसंबर में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के इस्लामाबाद में सीबीडी की घोषणा करने के बाद से जयशंकर और चौधरी के बीच यह पहली औपचारिक बैठक होगी। भारत में होगा हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलनदोनों सचिवों ने इस साल मार्च में नेपाल में दक्षेस की एक बैठक के दौरान थोड़ी देर के लिए अनौपचारिक रूप से बातचीत की थी। हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में अमेरिका, चीन, रूस, अफगानिस्तान, ईरान, पाकिस्तान सहित कई देशों के सचिव स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। इस साल हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है। इसमें 14 देशों के अलावा 16 सहायक देश और 12 अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय संगठन हिस्सा ले रहे हैं।

Posted By: Prabha Punj Mishra