काउंसिल में घूसकांड से खुल सकते हैं बड़े राज
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PATNA : फार्मासिस्टों के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाली सरकारी संस्था बिहार स्टेट फार्मेसी काउंसिल के क्लर्क राजू कुमार साह को निगरानी विभाग की कार्रवाई में 12 हजार रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है. गुप्त सूचना के आधार पर निगरानी विभाग ने मंगलवार दोपहर करीब दो बजे कार्रवाई शुरू की. इसके बाद करीब तीन घंटे तक काउंसिल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. सूत्रों ने बताया कि इसमें कई कागजात जब्त किए गए हैं. निगरानी विभाग इसकी गहनता से जांच कर रहा है. बताया जा रहा है कि यदि इन डॉक्यूमेंट की जांच कर ली जाए तो कई सनसनीखेज खुलासे हो सकते हैं. इसमें क्लर्क के अलावा अन्य लोगों पर भी कार्रवाई हो सकती है. हमने उठाया था मामलाफार्मासिस्टो के रजिस्ट्रेशन के नाम पर काउंसिल में जमकर गोरखधंधा चल रहा है. इसमें काउंसिल के रजिस्ट्रार समेत सभी मिलकर खेल कर रहे हैं. इस बात का खुलासा डीजे आई नेक्स्ट से 14 अप्रैल, 2018 के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इस खबर में फर्जी रजिस्ट्रेशन और सही जानकारी छुपाये जाने का मामला भी उजागर किया गया था.
12 हजार घूस लेते पकड़ायागया जिला के नगवां निवासी विकास कुमार ने निगरानी विभाग के हेडक्वार्टर में क्लर्क राजू कुमार साह के खिलाफ 12 हजार रुपए घूस मांगने की शिकायत की थी. इसके बाद विभाग ने अपनी कार्रवाई शुरू की. यह कार्रवाई निगरानी विभाग के धावा दल के प्रभारी डीएसपी सर्वेश कुमार सिंह के नेतृत्व में की गई. टीम ने क्लर्क के पास से 36,100 रुपए अतिरिक्त बरामद किया.
ऐसा हर दिन होता है निगरानी विभाग को शिकायत करने वाले विकास कुमार ने बताया कि यहां हर दिन पैसे का खेल चलता है. यही वजह है कि जो सही कैंडिडेट नहीं है उसका भी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कर लिया जाता है. यहां तक कि एक ही नाम पर अलग-अलग रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कर दिये जाते हैं. यहां हर दिन करीब 50 रजिस्ट्रेशन होता है और हर रजिस्ट्रेशन के लिए घूस की मांग पूरी होने पर ही रजिस्ट्रेशन कराया जाता है. हर रजिस्ट्रेशन पर 50 रुपये से लेकर 12 हजार रुपये घूस लिया जाता है. करियर के नाम पर मजाकसभी राज्यों में स्टेट फार्मेसी काउंसिल अपने एपेक्स बॉडी फार्मेसी कांउसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) की गाइडलाइन पर संचालित होता है. लेकिन बिहार ही एकमात्र अपवाद है. यहां पीसीआई के किसी नियम का पालन नहीं होता है. पीसीआई के मेंबर कुमार अजय ने भी इस बात की पुष्टि की है. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इस बात का संज्ञान नहीं ले रहे हैं.