मुहयीद्दीन यासिन मलेशिया के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। देश के सम्राट ने इस बात की जानकारी दी है। पैलेस ने अपने बयान में कहा कि संसद में सांसदों के बीच उनका बहुमत हो सकता है।

कुआलालंपुर (एएफपी)मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद को बड़ा झटका लगा है। वह फिर से प्रधानमंत्री के रूप में नहीं चुने गए हैं। मलेशिया के सम्राट ने पूर्व गृह मंत्री मुहयीद्दीन यासिन को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाने जा निर्णय लिया है। पैलेस ने अपने बयान में कहा, 'मुहयीद्दीन यासिन 1 मार्च यानी कि रविवार को मलेशिया के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। प्रधानमंत्री को नियुक्त करने की प्रक्रिया में देरी नहीं की जा सकती है क्योंकि देश को लोगों और राष्ट्र की भलाई के लिए सरकार की जरूरत है।' बता दें कि प्रतिद्वंदी कैंडिडेटों ने इस हफ्ते सांसदों का बहुमत दिखाने की पूरी कोशिश की है लेकिन आखिर में कुछ भी हासिल नहीं हो सका है। वहीं, मुहयीद्दीन यासिन को प्रधानमंत्री बनाए जाने के बाद अनवर इब्राहिम के भी पीएम बनने की उम्मीद कम हो गई है।

महातिर के इस्तीफे के बाद शुरू हुआ संकट

बता दें कि मुहयीद्दीन के गठबंधन में बहु-जातीय देश के मुस्लिम बहुमत का वर्चस्व है और इसमें संयुक्त मलय राष्ट्रीय संगठन (यूएमएनओ) शामिल है, जो पूर्व प्रधानमंत्री व घोटाले के आरोपी नजीब रजाक की पार्टी है। 2018 में यूएमएनओ को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। महातिर के पूर्व सहयोगी मुहयीद्दीन ने यूएमएनओ के साथ मिलकर सत्ता हासिल करने के लिए बात की थी। उनके गठबंधन में एक कट्टर मुस्लिम पार्टी भी शामिल है जो इस्लामी कानूनों पर जोर दे रही है। बता दें कि मलेशिया में मौजूदा संकट तब शुरू हुआ जब नजीब की सरकार के खिलाफ दो साल पहले जीत हासिल करने वाले महातिर और अनवर के सत्तारूढ़ 'पैक्ट ऑफ होप' गठबंधन एक सप्ताह पहले टूट गया। दरअसल, सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों का एक समूह अनवर के बिना एक नई सरकार बनाने और उसे प्रमुख बनाने से रोकने के लिए विपक्षी दलों के साथ शामिल हो गया।

मुहयीद्दीन यासिन ने कहा, पैलेस के फैसले को स्वीकार करें लोग

गठबंधन टूटने के बाद महातिर और अनवर ने पीएम बनने का पूरा प्रयास किया लेकिन असफल रहे। वहीं, मुहयीद्दीन यासिन सत्ता में वापसी करने में कामयाब हो गए। इसी बीच, मुहयीद्दीन यासिन ने शनिवार को मलेशिया के लोगों से कहा है कि उन्हें पीएम बनाने का निर्णय पैलेस का है और लोगों को इस फैसले को स्वीकार करना चाहिए।

Posted By: Mukul Kumar