सांसदों का एक प्रभावशाली समूह प्रिंस ऑफ वेल्स यानी युवराज चार्ल्स और डची ऑफ कार्नवाल के कर मामलों की जाँच करने वाला है.


डची ऑफ कार्नवाल एक निजी रियासत है, जो प्रिंस ऑफ वेल्स और उनके परिवार के सार्वजनिक, पुण्यार्थ और निजी गतिविधियों के लिए पैसे देता है.प्रिंस चार्ल्स के सर्वाधिक वरिष्ठ अधिकारी विलियम नाई को सोमवार को लोकलेखा समिति के सामने साक्ष्य देने के लिए बुलाया गया है.समिति इस बात पर विचार करेगी कि क्या प्रिंस समुचित कर दे रहे हैं और यह जानने की कोशिश करेगी कि आखिर डची कॉरपोरेशन टैक्स और कैपिटल गेन टैक्स क्यों नहीं दे रही हैं.शाही खातों की इस तरह दूसरी बार जाँच की जा रही है.बचाव की दलीलशाही अधिकारियों की दलील है कि डची कोई सार्वजनिक निकाय या निगम नहीं है, बल्कि यह एक निजी संपत्ति है, इसलिए इसे कैपिटल गेन टैक्स से


छूट प्राप्त है. उनका यह भी कहना है कि चार्ल्स को उत्तराधिकार में मिली संपत्ति से जो आय होती है, उसमें कारोबारी व्यय घटाने के बाद शेष धन रॉशि पर वह आयकर देते हैं.इस महीने की शुरूआत में चार्ल्स को वेस्ट कार्निवॉल से लिबरल डेमोक्रेट पार्टी के सांसद एंड्रयू जार्ज की आलोचना का सामना करना पड़ा.

डची करीब 131,000 एकड़ में फैली 76.2 करोड़ पाउंड की रियासत है. इसका अधिकांश हिस्सा दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में है. डची से प्रिंस को पिछले साल रिकार्ड 1.9 करोड़ पाउंड मिले थे.

क्लीयरेंस हाउस ने कहा है कि प्रिंस ऑफ वेल्स को किया जाने वाला सार्वजनिक वित्तपोषण बीते वित्त वर्ष के दौरान 12 लाख पाउंड से घटकर 10 लाख पाउंड रह गया है, जबकि इस दौरान उनकी कुल आय 2.02 करोड़ पाउंड रही.

Posted By: Satyendra Kumar Singh